रेत का अवैध उत्खनन रोका जाए : डॉ. रमेश दुबे

राजस्व एवं पुलिस विभाग की जिम्मेदारी तय करें कलेक्टर और एसपी

भिण्ड, 24 नवम्बर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा है कि भिण्ड जिले की सिंध नदी की लगभग डेढ़ दर्जन खदानों से रेत का अवैध उत्खनन निरंतर होने की खबरें मीडिया के माध्यम से आ रही हैं। जिससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मंशा पर पानी फिर रहा है। जबकि सभी खदानों से रेत निकालने का ठेका इस समय निरस्त है और अभी तक किसी कंपनी को ठेका नहीं दिया गया है। इसके बावजूद भी सभी खदानों में पनडुब्बियों और मशीनों के माध्यम से रेत निकाला जा रहा है। जिला प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने की मंशा पर पानी फेरा जा रहा है। प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत रेत के 250 से 300 डंपर प्रति दिन भिण्ड जिले की सीमा से बाहर अवैध रूप से विक्रय के लिए ले जाए जा रहे हैं, उन्हें पकड़ा जाए। कितना भी उच्च स्तरीय दवाब हो लेकिन अवैध रूप से भरे हुए रेत के ओवरलोड वाहनों को नही छोड़ा जाए।
डॉ. रमेश दुबे ने कहा कि सिंध नदी की बरेठी खुर्द, बछरेटा, खेरिया, कछार, अजीथा, खैरोली, गोरम, भारौली, मुसावली, मटियावली, मरोड़ी, पर्रायच, अजनार, विरौना, मड़ैयन, खैरा आदि खदानों पर निरंतर पनडुब्बियों और मशीनों से नदी का रेत निकालकर उसे खोखला किया जा रहा है और करोड़ों रुपए का राजस्व अदा किए बिना सरकार को हानि पहुंचाई जा रही है। जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। वर्तमान में भिण्ड जिले में रेत निकालने का कोई ठेका न होने पर भी रेत का बड़े पैमाने पर खनन होना अत्यंत गंभीर और निंदनीय है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं कर पा रहा है।
डॉ. दुबे ने कहा कि इसके संबंध में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कठोर कार्रवाई कर सभी खदानों से उत्खनन रोकने का आग्रह करते हुए वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा है कि कलेक्टर सभी खदानों के राजस्व अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करके रेत का अवैध उत्खनन रुकवाएं। वहीं पुलिस अधीक्षक उन सभी थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी तय करें जहां-जहां से अवैध ओवरलोड रेत से भरे हुए वाहन निकल रहे हैं। उन सभी को रोक कर जब्त किया जाए, कोई कितना भी उच्च स्तरीय दवाब डाले लेकिन उनको किसी भी हाल में छोड़ा न जाए।