– कलेक्टर ने अधिकारी-कर्मचारियों, समाजसेवियों और सहयोगियों को दी बधाई
ग्वालियर, 17 जुलाई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए राष्ट्रीय स्तर के स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर शहर ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सम्मानजनक स्थान प्राप्त किया है। ग्वालियर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 का स्टेट मिनिस्ट्रियल अवार्ड, देश के स्वच्छ शहरों में ग्वालियर को 14वां स्थान और मप्र में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। ग्वालियर की इस सफलता पर जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने समर्पित भाव से कार्य कर रहे सभी स्वच्छता कर्मियों, नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों, सामाजिक संस्थाओं, व्यापारिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और मीडिया साथियों को बधाई और धन्यवाद दिया है।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि यह उपलब्धि टीम वर्क, जनभागीदारी और स्वच्छता के प्रति सभी ग्वालियर वासियों की जागरूकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक दिन का कार्य नहीं बल्कि सतत प्रयास और जिम्मेदारी का विषय है। हर व्यक्ति का योगदान, चाहे वह सफाई कर्मी हो या नागरिक, इस गौरव में शामिल है। ग्वालियर की इस सफलता से यह सिद्ध हुआ है कि जब प्रशासन और समाज मिलकर कार्य करते हैं, तब हर लक्ष्य संभव है।
कलेक्टर ने शहरवासियों से अपील की कि वे इसी तरह उत्साह और संकल्प के साथ आगे भी सहयोग करें, ताकि आने वाले सर्वेक्षणों में ग्वालियर न केवल अपनी स्थिति को और बेहतर बना सके, बल्कि देश के शीर्ष शहरों में अपना स्थान और मजबूत कर सके। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं, स्कूल-कॉलेज के छात्रों, समाजसेवियों तथा व्यापारिक संगठनों से स्वच्छता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि शहर में स्वच्छता संबंधी गतिविधियों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए नई योजनाएं और नवाचारों पर कार्य किया जा रहा है। जनसहभागिता को बढावा देने के लिए ‘स्वच्छता ही सेवा’ जैसे अभियानों को जनांदोलन के रूप में आगे बढाया जाएगा।
जनसहभागिता से ही होगा स्वच्छ ग्वालियर का सपना साकार
ग्वालियर के नागरिकों में भी इस उपलब्धि को लेकर गर्व और उत्साह देखा गया। कई सामाजिक संस्थाओं और जागरुक नागरिकों ने भी स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए संकल्प लिया है। इस अवसर पर नगर निगम द्वारा शहर के प्रमुख स्थलों पर स्वच्छता रथ, नुक्कड नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता और जनजागरण रैलियों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता और सहभागिता को बढावा दिया जा सके।