– राकेश अचल
भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई तक कुल तीन दीन के युद्ध विराम यानि सीजफायर के सच का पता लगाना आसान नहीं है। क्योंकि भारत, पाकिस्तान और दाल भात में मूसलचंद बने अमेरिका के राष्ट्रपति के नित नए बयानों में जबरदस्त अंतर्विरोध है। सीजफायर का सच झूठ फायर के सामने दम तोडता नजर आ रहा है।
आपको पता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार बयान दिए जा रहे हैं। ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने का श्रेय पहले ही लूट चुके हैं। ट्रंप साहब ने एक बार फिर दावा किया है कि दोनों देशों के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया था और ‘एन’ तक पहुंच गया था। एन शब्द से ट्रंप का इशारा न्यूक्लियर युद्ध की ओर था। डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध विराम में अमेरिकी भूमिका को ‘अपनी बडी सफलता’ बताया है। भारत सरकार ने ट्रंप के दावे को सीधे तौर पर नहीं माना है। भारतीय सेना का कहना है कि ये सीजफायर भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच बातचीत से तय हुआ। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री अब तक इस मुद्दे पर मौन हैं। राष्ट्र को संबोधित करते हुए भी हमारे प्रधानमंत्री ने ट्रंप के दावे के बारे में एक शब्द नहीं कहा।
सीज फायर को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अलग राग आलाप रहे है.पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, 9-10 मई के बीच की रात को लगभग 2:30 बजे जनरल सैयद असीम मुनीर ने मुझे सिक्योर लाइन पर कॉल करके बताया कि भारत की बैलिस्टिक मिसाइल नूर खान एयरबेस और कुछ अन्य इलाकों पर गिरी हैं। हमारी वायुसेना ने अपने देश को बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया और उन्होंने चीनी लडाकू विमानों पर आधुनिक गैजेट और तकनीक का भी इस्तेमाल किया।
शहबाज शरीफ ने कहा, हर जगह आज ये बात हो रही है कि पाकिस्तान की सेना ने किस तरह हिन्दुस्तान को जवाब दिया। पठानकोट, उधमपुर और न जाने कहां-कहां हमारी सेना ने हमले किए और दुश्मनों को सिर छिपाने की जगह नहीं मिल रही थी। पाकिस्तान के वजीरेआजम ने कहा, सुबह के समय मैं स्विमिंग करने गया और अपने साथ सिक्योर फोन साथ ले गया। जनरल असीम मुनीर ने मुझे कॉल कर कहा कि हमने उन्हें मुंहतोड जवाब दिया है और अब वे सीजफायर करना चाहते हैं, इसपर आपका क्या ख्याल है? मैंने कहा- इससे बडी और क्या बात हो सकती है। आपने दुश्मन को एक भरपूर थप्पड मारा है और अब वो सीजफायर पर मजबूर है। मैं समझता हूं कि आप देर न करें और सीजफायर के ऑफर को कबूल करें।
अब आइए विदेश मंत्री जयशंकर की बात करते हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जो बयान दिया उसकी भी खिल्ली उडाई जा रही है। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर निजी न्यूज चैनल का वीडियो शेयर करते हुए कहा, हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को जानकारी देना अपराध है। विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से माना है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। राहुल ने इस पर सवाल खडे करते हुए कहा, उन्हें किसने अधिकृत किया, इसके परिणामस्वरूप हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए।
अपनी छीछालेदर होते देख विदेश मंत्रालय ने न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से इसका जवाब देते हुए कहा, तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती फेज में जानकारी नहीं, चेतावनी दी थी। तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. खुद विदेशमंत्री ने कोई सफाई नहीं दी।
अब सीजफायर का सच जानने का एक ही विकल्प है कि डोनाल्ड ट्रंप, नरेन्द्र मोदी, शहवाज शरीफ और जयशंकर का लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाए, लेकिन ये नामुमकिन है। ऐसे मेझ दुनिया को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का सच कभी पता नहीं चलेगा।
दर असल सीजफायर इतनी आसान बात नहीं है। आपको पता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत 24 फरवरी 2022 को हुई थी। आज 18 मई 2025 तक युद्ध को 1180 दिन हो गए हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच सीजफायर अब तक नहीं हुआ। दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता मात्र तीन घण्टे में बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई, जबकि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर एक फोन पर हो गया था।