भक्ति ही जीवन का कल्याण कर सकती है : संतोष शास्त्री

-भक्त ध्रुव की कथा से वर्णन प्रारंभ कर भक्त प्रहलाद की कथा सुनाई

भिण्ड, 22 नवम्बर। मंशापूर्ण हनुमान मंदिर ग्राम जखमोली में भागवत कथा के तीसरे दिन आचार्य संतोष शास्त्री ने भक्त ध्रुव की कथा से वर्णन प्रारंभ कर भक्त प्रहलाद की कथा पर विश्राम किया।
उन्होंने कहा कि भक्ति ही जीवन का कल्याण कर सकती है, लोगों को प्रभु भक्ति की ओर जाना चाहिए। उन्होंने प्रियव्रत और उत्तानपाद की कथा में ध्रुव की भक्ति का वर्णन किया। तदुपरांत हिरण्याक्ष का वध, भगवान बारह का अवतार, प्रथ्वी को वापस लाने का वृत्तांत सुनाया। उसके बाद हिरण्यकश्यप और भक्त प्रहलाद की कथा में उन्होंने कहा कि भक्ति अटल हो तो कोई भी दुराग्रह से प्रभावित नहीं कर पता है। भक्त प्रहलाद को कई बार प्रभावित किया गया, पिता ने कई दुष्प्रभाव डाले लेकिन वह भगवान विष्णु की भक्ति में अटल रहे, तो उनके लिए स्वयं भगवान को नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि प्रभु भक्ति ही जीवन की मुक्ति का साधन है, लोगों को भगवान की भक्ति करना चाहिए। कथा में कथा वाचक द्वारा गाए गए भजन राम नाम के हीरे मोती मैं बिखरांउ गली गली… पर श्रोता जमकर झूमे। कथा के अंत में आरती के बाद सभी श्रोताओं को भंडारे प्रसादी का वितरण किया गया। कथा के चौथे दिन शनिवार को कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कथा का समय दिन में 11 बजे से 4 बजे ही रखा गया है। कथा श्रवण करने गांव के अलावा बाहर के संत भी पधार रहे हैं और हजारों की संख्या में महिला पुरुष कथा श्रवण करने पहुंच रहे हैं।