– मौ तहसीलदार का एक और विवादित आदेश सुर्खियां में
– प्रेस वार्ता में राजीव कुशवाह ने तहसीलदार पर लगाए गंभीर आरोप
भिण्ड, 10 अक्टूबर। मौ तहसीलदार माला शर्मा इन दिनों विवादों में रहकर सुर्खियों में हैं, उनके नए-नए विवाद रोजाना सामने आ रहे हैं, जिनमें एक विवाद में वह स्वयं एसडीएम व कलेक्टर पर प्रताडित करने का आरोप लगा रही हैं। इसके अलावा एक और विवाद प्रेस वार्ता के माध्यम से खुलकर सामने आया है जिसमें वह राजीव कुशवाह के हिस्से की जमीन का नामांतरण, अवैध रजिस्ट्री के आधार पर एक दिन में ही कर देती हैं।
राजीव कुशवाह के अभिभाषक धर्मेन्द्र श्रीवास्तव ने साथ में उपस्थित होकर मौ तहसीलदार माला शर्मा पर आरोप लगाते हुए बताया कि मेरे पक्षकार राजीव कुशवाह का खेरिया जल्लू सर्वे नं.290 रकवा 0.980 हेक्टर मैं से रकवा 0.39 हेक्टेयर में धर्म कांटा कार्यालय बाउण्ड्री वॉल के साथ बना हुआ है। उक्त जमीन के खसरा में दर्ज सहभूमि स्वामी मोहन सिंह यादव के द्वारा उक्त धर्मकांटा बाली जमीन की रजिस्ट्री अपने भाई संजय यादव के हक में छलपूर्वक कर ली थी, जिसको लेकर मेरे पत्रकार राजीव कुशवाह ने एसडीएम कार्यालय से स्थगन आदेश कराकर नामांतरण एवं खसरा में अमल करने की रोक लगाई थी। उक्त कार्रवाईयों की जानकारी होने पर इसी धर्मकांटे वाली जमीन की रजिस्ट्री फिर से एक मार्च 2024 को हमीर सिंह पुत्र बटीराम सिंह निवासी ग्राम कौंध की मढैयन जिला भिण्ड के हक में कर दी गई। दो व तीन मार्च को शनिवार-रविवार का अवकाश था। चार, पांच छह मार्च कार्य दिवस के थे, छह मार्च को चालान काटाकर नामांतरण की कार्रवाई ऑनलाइन शुरू कराकर सात मार्च को तहसीलदार माला शर्मा से आदेश पारित कर लिया। मेरे पक्षकार राजीव द्वारा जब नामांतरण के प्रकरण की नकल ली गई तो उसमें कई कूटरचित दस्तावेज सामने आए, जिसमें रजिस्ट्री की तारीख एक मार्च थी तथा रजिस्ट्री के प्रिंट आउट निकलने की तारीख दो मार्च थी। चालान काटने की तारीख छह मार्च और आरसीएमएस में फाइल दर्ज होने की तारीख छह मार्च थी, प्रथम ऑडर सीट लिखने की तारीख कोई अंकित नहीं है और उसमें अनावेदक को सूचना पत्र जारी करने, इश्तिहार प्रकाशन करने और पटवारी हल्का से रिपोर्ट लेने के लिए सात मार्च नियत की गई और सात मार्च को ही आदेश पारित हो गया। जिसमें 29 फरवरी 2024 की इश्तिहार संलग्न किया गया तथा पटवारी मोजा की रिपोर्ट व आवेदन हमीर सिंह का विना तारीख का आवेदन प्राप्त हुआ है।
इन दस्तावेजों के आधार पर अभिभाषक धर्मेन्द्र श्रीवास्तव ने अपने पक्षकार की ओर से आरोप लगाते हुए कहा कि दस्तावेजों से यह प्रतीत होता है कि मौ तहसीलदार माला शर्मा द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक दिन में जो नामांतरण किया है। इससे मेरे पक्षकर को आर्थिक एवं मानसिक छति पहुंची है। उन्होंने प्रेस वार्ता के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि नामांतरण की कार्रवाई तत्काल निरस्त कर दोषी अधिकारी माला शर्मा एवं उनके बाबू के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जबकि, गोहद, मौ तहसील मैं हजारों की तादात में नामांतरण के मामलों की फाइलें आज भी धूल खा रही हैं।
कलेक्टर एवं एसडीएम पर तहसीलदार ने लगाया था प्रताडना का आरोप
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें मौ तहसीलदार माला शर्मा द्वारा एक वीडियो वायरल कर गोहद एसडीएम पराग जैन एवं कलेक्टर पर प्रताडना का आरोप लगाया था।
निलंबन की कार्रवाई प्रचलन में
मौ तहसीलदार माला शर्मा के विवादित आदेश एवं उनकी विवादित कार्यशैली के चलते भिण्ड एवं गोहद प्रशासन की दिनों-दिन किरकिरी हो रही है। इसी के चलते एसडीएम द्वारा मौ तहसीलदार माला शर्मा के निलंबन का प्रपोजल कमिश्नरी को भी भेजा गया है।