संसार दुख का घर है, प्रभु की शरणागति ही एकमात्र जीव के लिए सुखदायी है : तिवारी

गल्ला मण्डी में गणेश स्थापना के साथ शुरू हुई श्रीमद् भागत कथा

भिण्ड, 20 सितम्बर। पुरानी गल्लामण्डी भिण्ड में मंगलवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्रीगणेश स्थापना के साथ श्रीमद भागवत का शुभारंभ हुआ। इस अवस पर वृंदावन से पधारे आचार्य प्रशांत तिवारी के श्री मुख से भागवत कथा श्रवण कर सभी श्रोता भाव विभोर हो गए।
आचार्य प्रशांत तिवारी ने कथा में बताया कि संसार दुख का घर है, प्रभु की शरणागति ही एकमात्र जीव के लिए सुखदायी है। लोग धर्म से विमुख हो अधर्म को अपनाकर स्वयं को सुख की अनुभूति देकर प्रसन्नता मानते हैं। भारत भूमि देव भूमि है, इस भूमि पर रहने का सौभाग्य अत्यंत दुर्लभता से प्राप्त होता है, इसलिए हर एक व्यक्ति को अपने धर्म के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। श्रीमद भागवत उद्धार केन्द्रित ग्रंथ है, इसमें परीक्षित जी का उद्धार किया गया है। इसी प्रकार से हमारे जीवन में यदि अनेक कष्ट दुख पीडा है तो हमें इस दिव्य पुराण का आश्रय लेना चाहिए कथा प्रांगण भक्तगण भजनों पर खूब झूमें। इस भागवत कथा के परीक्षित शकुंतला-डॉ. महेशदेव मुदगल हैं।