डिप्टी कलेक्टर ने किया अनुसूचित जाति छात्रवासों का निरीक्षण

अनियमितताएं मिलने पर लगाई फटकार, बोले- सुधार करो

भिण्ड, 19 सितम्बर। डिप्टी कलेक्टर विजय यादव मंगलवार अनुसूचित जाति छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया। सर्वप्रथम वह इटावा रोड बालक सीनियर छात्रावास पहुंचे, जहां स्थिति देखकर वह दंग रह गए कि स्वीकृत 50 सीटों के विरुद्ध 22 की उपस्थित माह सितंबर की दर्शाई गई। जबकि एक भी बच्चा हॉस्टल में नहीं मिला, सभी कमरों में ताले लगे हुए थे। मौके पर ही हॉस्टल अधीक्षक प्रमोद शर्मा को बुलाकर पूछा गया तो वह जवाब नहीं दे पाए। इस हॉस्टल का प्रति माह 50 हजार रुपए किराया शासन द्वारा दिया जा रहा है। जबकि बच्चों को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है, इस पर अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त हॉस्टल को तत्काल दूसरे छात्रावास में मर्ज करने के निर्देश दिए एवं अधीक्षक प्रमोद शर्मा का सितंबर माह का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
उसके बाद डिप्टी कलेक्टर यादव बालिका जूनियर छात्रावास गल्ला मण्डी पहुंचे, जहां स्वीकृत कुल 50 सीटों के विरुद्ध आठ पलंग ही हॉस्टल में पाए गए, जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने सख्त लहजे में छात्रावास अधीक्षका पुष्पा तोमर को निर्देश दिए कि यदि आप काम नहीं करेंगे तो आपके विरुद्ध कार्रवाई होगी, शीघ्र प्रयास करते हुए ज्यादा से ज्यादा बच्चियों के एडमिशन कराएं। अधीक्षक का सितंबर माह का वेतन रोकने के निर्देश ने दिए।
इसके बाद कन्या जूनियर छात्रावास क्र.छह हाउसिंग कॉलोनी पहुंचे। यहां भी स्वीकृत 50 सीटों के विरुद्ध मात्र 15 पलंग मिले, बच्चियां उस समय छात्रावास में नहीं थी। इसके बाद वे बालिका सीनियर छात्रावास क्र.एक पहुंचे जहां मात्र चार बालिका उपस्थित मिलीं, 50 सीटर के विरुद्ध अधीक्षिता कुसुम पवैया द्वारा सितंबर माह में 42 बच्चियों की उपस्थिति दर्ज कराई गई है। छात्रावास में निरीक्षण के समय चार बालिकाएं उपस्थित मिली। उन्होंने बालिकाओं से जानकारी ली, जिसमें बालिकाओं ने बताया कि उन्हें नाश्ता पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है एवं भोजन मीनू भी उक्त छात्रावास में नहीं पाया गया जिस पर डिप्टी कलेक्टर ने अधीक्षका कुसुम पवैया को सख्त लहजे में निर्देशित किया कि बच्चियों को मीनू अनुसार इस प्रकार नाश्ता एवं भोजन मिलना चाहिए, जैसे हम अपनी बच्चियों को घर में देते हैं एवं शासन के निर्देशानुसार समस्त लाभ बालिकाओं को दिए जाए। यहां बच्चियों के शयन कक्ष में मात्र 15 पलंग ही मिले। जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि शीघ्र समस्त सीटें भरी जाएं। उक्त लापरवाही को देखते हुए अधीक्षका कुसुम पवैया एवं अरुणा गोयल का भी सितंबर माह का वेतन रोकने के निर्देश अधिकारी ने दिए।