सागर, 04 जुलाई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती जिला सागर ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिगा के साथ छेडखानी करने वाले आरोपी अभिषेक पटैरिया को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 506 भाग-2 के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 7, सहपठित धारा 8 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी पीडिता के मामा ने थाना गोपालगंज में 30 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट लेख कराई कि 27 अक्टूबर को रात में वह उसकी बहन (पीडिता की मां) के यहां आया था, उसी दिन पीडिता की मां ने बताया कि उसके यहां अभियुक्त अभिषेक पटैरिया गुरूजी पूजा पाठ करने आते हैं वो पीडिता से शादी करने के लिए अनावश्यक दबाव बना रहे हैं, फिर उसने अपनी भांजी (पीडिता) से पूछा तो उसने बताया कि अभियुक्त अभिषेक पटैरिया उसके साथ गंदी नियत से छेडखानी करता है तथा शादी करने के लिए परेशान करता है। शादी न करने पर जान से मारने की धमकी देता है। 27 अक्टूबर 2019 को शाम करीब पांच बजे अभियुक्त अभिषेक पटैरिया ने उसका गलत नियत से हाथ पकडा था तथा शादी करने के लिए बोल रहा था, तो उसने यह बात अपनी मां को भी बताई थी। अभिषेक पटैरिया ने उसे धमकी दी कि वह पूरे परिवार को मिटा देगा तथा समाज में बदनाम कर देगा। यदि उसकी शादी पीडिता से नहीं करवाई तो सबको जान से खत्म कर देगा। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना गोपालगंज पुलिस ने धारा 354, 509, 354(ए)(आई), 506 भाग-दो भादंसं एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 7, सहपठित धारा 8 एवं 9(जे)(आई), सहपठित धारा-10 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया तथा अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।