सागर, 28 जून। अष्टम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने कुल्हाड़ी एवं लाठियों से हमला करने वाले आरोपी नीलेश राऊत को दोषी करार देते हुए धारा 307 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 323 में तीन माह सश्रम कारावास एवं 500 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक रामबाबू रावत ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 14 मार्च 2020 को थाना सुरखी में सूचनाकर्ता सुनील कुमार राऊत ने रिपोर्ट लेख कराई कि वह ग्राम सुरखी में रहता है, उसका नीलेश राऊत, प्रताप राऊत से एक वर्ष से पारिवारिक जमीनी विवाद चल रहा है। आज रात्रि करीब 8:30 बजे मैं अपने भाई परमानंद एवं परिवार के अन्य लोगों के साथ घर पर था, उसी समय आरोपी नीलेश उसके मकान के पास रोड किनारे लगे मुनगा के पेड़ को काट रहा था। सूचनाकर्ता के भाई परमानंद ने आरोपी नीलेश एवं प्रताप को पेड़ काटने से मना किया तो इसी बात पर से दोनों पेड़ काटना बंद करके गाली देते हुए बोले तेरे भाव बढ़ गए हैं, आज इसे ही काट देते हैं। यह बात कहकर आरोपी नीलेश कुल्हाड़ी, आरोपी प्रताप लाठी लेकर उसके भाई परमानंद को जान से खत्म करने की धमकी देते हुए मारने दौड़े, परमानंद जान बचाने के लिए भागकर अपने घर के अंदर घुस गया तथा दरवाजा लगा लिया। आरोपी प्रताप व नीलेश ने दरवाजे में लात मारी जिससे दरवाजा खुल गया, दोनों घर के अंदर घुस गए, नीलेश ने परमानंद को जान से खत्म करने की नियत से उसके सिर में कुल्हाड़ी मारी, बचने के लिए परमांद फर्श पर लेट गया तो उसकी पीठ पर कुल्हाड़ी लगी, आरोपी प्रताप ने लाठी से मारपीट की थी। सूचनाकर्ता सुनील कुमार जब बचाने गया तो आरोपी नीलेश ने एक कुल्हाड़ी उसके सिर में मारी जिससे कटकर उसे चोट आई और खून निकलने लगा था। उसके पश्चात दोनों आरोपी वहां से भाग गए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सुरखी पुलिस ने धारा 307, 450, 294, 506, 323, 34 भादंवि का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण उपरांत अष्टम अपर-सत्र न्यायाधीश अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।