न्यायालय ने आरोपियों पर एक-एक लाख का अर्थदण्ड भी लगाया
सागर, 24 जून। विशेष न्यायाधीश (अंतर्गत धारा 36(1) स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर अब्दुल्लाह अहमद के न्यायालय ने मोटर साइकिल से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपीगण भोले कोरी एवं देवेन्द्र यादव को दोषी करार देते हुए स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा 8, सहपठित धारा 20(इ)(2)(ब) के तहत 10-10 वर्ष कठोर कारावास एवं एक-एक लाख रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 19 मार्च 2019 को थाना प्रभारी सुरखी को मादक पदार्थ गांजा के परिवहन की सूचना मुखबिर से मिली, इसके पश्चात स्वतंत्र साक्षियों को मुखबिर की सूचना से अवगत कराया गया। उसके पश्चात सर्च वारंट प्राप्त करने में समय लगने की संभावना को देखते हुए सर्च वारंट प्राप्त न होने का पंचनामा बनाकर हमराह स्टाफ स्वतंत्र साक्षी सहित विवेचना किट एवं शासकीय वाहन से केसली से बिलहरा होकर टिकी टौरिया हनुमान मन्दिर के सामने रोड पर पहुंचकर स्टॉपर लगाकर नाकाबंदी की गई। कुछ समय पश्चात केसली तरफ से रोड पर एक लालरंग की हीरो एचएफ डीलक्स मोटर साइकिल क्र. एम.पी.15 एन.ए.5350 आई, जिसे रोककर पूछताछ करने पर बाईक चालक ने अपना नाम देवेन्द्र पुत्र होतीलाल यादव उम्र 27 साल निवासी नारायणपुर, चौकी टड़ा, थाना केसली एवं पीछे बैठे व्यक्ति जो पीले रंग की बोरी में मादक पदार्थ गांजे जैसा कुछ रखे था उसने अपना नाम भोले पुत्र रामप्रसाद कोरी उम्र 52 वर्ष निवासी टड़ा, थाना केसली बताया। संदेहियों की वैधानिक कार्रवाई उपरांत लिखित सहमति देने पर उनकी तलाशी लेने पर संदेहियों के पास से बाईक की सीट पर रखी हल्के पीले रंग की प्लास्टिक की बोरी को खोलकर चैक किया गया, जिसमें पांच बड़े-बड़े पैकेट अखबार में लिपटे हुए नीले रंग की प्लास्टिक की थैली में भरकर ऊपर से खाकी रंग के टेप से चिपका हुआ, जिसमें हरे मटमैले रंग का पत्तीदार मादक पदार्थ गांजा होना पाया गया। मादक पदार्थ को मसलकर, सूंघकर एवं जलाकर देखा गया तो गांजा जैसी तीव्र गंध आना पाया गया। जो कुल 23 किलो 200 ग्राम कीमत तीन लाख 48 हजार रुपए का पाया गया। अभियुक्तों का कृत्य 8/20 एनडीपीएस एक्ट के तहत पाए जाने से उन्हें गिरफ्तार किया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार कर अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सुरखी जिला सागर में धारा 8/20 एनडीपीएस एक्ट 1985 का अपराध आरोपीगण के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।