भिण्ड, 14 जून। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार विकास खण्ड गोहद में 23 जून को बैंच का आयोजन किया जाएगा।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार बैंच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए है। जिनमें नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी ग्राम स्तर पर सरपंच, पंचायत सचिव की बैठक कर सुभेध परिवारों का निर्धारित प्रारूप में चिन्हांकन कराएगा तथा क्षेत्र अंतर्गत बच्चों के संबंध में पुलिस विभाग, बाल कल्याण समिति, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, मिड-डे मील एवं अन्य से संबंधित समस्याएं/ शिकायतें निर्धारित प्रारूप में प्राप्त करेंगे तथा बैंच आयोजन के पूर्व सभी शिकायतें संकलित कर एनसीपीसीआर दल को उपलब्ध कराएगा तथा उक्त समस्त प्रकरण बैंच के समक्ष रखे जाएंगे, शिकायतकर्ता/ अभिभावकों को बैंच के सम्मुख भौतिक रूप से उपलब्ध कराने की व्यवस्था को नोडल/ सहायक नोडल सुगम बनाएंगे।
बैंच के लिए नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बताया कि विकास खण्ड गोहद में 23 जून को बैंच का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयेाग के अध्यक्ष का आना संभावित है। अध्यक्ष एनसीपीसीआर द्वारा बैंच में प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी। बैंच के आयोजन हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गोहद एवं सहायक नोडल अधिकारी परियोजना अधिकारी गोहद को नियुक्त किया गया है। उक्त नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारी एनसीपीसीआर द्वारा दिए गए निर्देशानुसार विकास खण्ड गोहद में बैंच का सफलता पूर्वक आयोजन संपन्न कराएंगे।
बैंच में अपनी शिकायतें राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के समक्ष रखें
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार बाल संरक्षण आयोग द्वारा 23 जून को सुबह 10 बजे से भिण्ड जिले के विकास खण्ड गोहद में बैंच का आयोजन किया जा रहा है। उक्त बैंच में 18 वर्ष आयु तक के बालकों से संबंधित समस्याओं एवं अन्य विषयों पर शिकायत की जा सकती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास ने अवगत कराया कि घरेलू श्रम के रूप में खतरनाक व्यवस्था में बालश्रम को लगाना, देय राशि का भुगतान न करना, बचाए गए बालश्रम का प्रत्यावर्तन, एसिड अटेक से संबंधित मामले, माता-पिता अभिभावकों अन्य व्यक्तियों के साथ सडक़ों पर भीख मांगना, जबरन भीख मांगना, शारीरिक शोषण, हमला, परित्याग, उपेक्षा, घरेलू हिंसा का शिकार बच्चा, एचआईबी स्थिति के आधार पर बच्चे के साथ भेदभाव, बच्चे को पुलिस ने पीटा, सीसीआई में बच्चे के साथ दुव्र्यवहार, अवैध गोद लेना, बच्चे की बिक्री, बच्चों के खिलाफ हिंसा, बच्चों से संबंधित विभिन्न प्रकार की शिकायतें शामिल हैं। इसीप्रकार लापरवाही के कारण मौत, अपहरण, लापता बच्चा, आत्म हत्या, इलैक्ट्रोनिक, सोशल, प्रिंट मीडिया में बाल अधिकारों का उल्लंघन, पड़ोस में स्कूल की अनुपस्थिति, बुनियादी ढांचे की कमी, कैपिटेशन शुल्क संबंधी, स्कूल में शारीरिक दण्ड, शारीरिक शोषण, स्कूल प्रवेश से इनकार, विकलांगता संबंधी सहायता शिकायत, भेदभाव, यौन शोषण, मुआवजा, शैक्षणिक प्राधिकरण द्वारा पाठ्यक्रम, मूल्यांकन प्रक्रिया निर्धारित नहीं की गई है, स्कूल परिसर का दुरुपयोग, स्कूल के भवन को बंद करने, लेने के मामले में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, यौन शोषण, मुआवजा निष्क्रियता संबंधी, रोग संबंधी, कुपोषण, मध्यान्ह भोजन, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, सभी बाल विकासात्मक विकारों के लिए पुनर्वास, चिकित्सा लापरवाही, इलाज में देरी आदि।