विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है : मोहम्मद माज

सुप्रयास ने सामान्य वन मण्डल भिण्ड के अधिकारियों और वन रक्षकों के लिए किया कार्यशाला का आयोजन

भिण्ड, 19 मई। राष्ट्रीय लुप्त प्राय प्रजाति दिवस अर्थात नेशनल एंडेंजर्ड स्पीशीज डे के अवसर पर जिला वन मण्डलाधिकारी मोहम्मद माज ने सामाजिक संस्था सुप्रयास द्वारा सामान्य वन मण्डल भिण्ड के अधिकारियों एवं वन रक्षकों के लिए आयोजित कार्यशाला में कहा कि आज हम ऐसी दुनिया में पहुंच गए हैं, जहां पर कई जानवरों, कीड़ों और वनस्पतियों के विलुप्त होने का खतरा मौजूद हो गया है। हम सबको इस क्षेत्र में जागरुकता लाने की बहुत जरूरत है। चंबल संभाग में इस दिशा में बहुत काम किया जा रहा है। हम घडिय़ालों के साथ साथ गेंगेटिक डॉल्फिन को संरक्षित किए हुए हैं।

एसडीओ फॉरेस्ट बहादुर सिंह ने कहा कि अपने चंबल संभाग में अब भारत से विलुप्त हो चुकी प्रजाति चीता को बसाने का उल्लेखनीय काम हो रहा है। ऐसे ही हमें और भी अधिक प्रजातियों को विशेष प्रयास करके बसाने की और बचाने की आवश्यकता है। सुप्रयास की अध्यक्ष मोनिका जैन ने कहा कि इंटर नेशनल यूनियन ऑफ कंजर्वेशन ऑफ नेचर के अनुसार दुनियाभर में लगभग 40 प्रतिशत जानवर, कीड़े और पौधों के विलुप्त होने का खतरा हो गया है। अपने ग्वालियर चंबल संभाग में से ही कई प्राणी अब दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिनमें से स्याहगोश, सोन चिरैया और उद्बिलाव प्रमुख हैं।

सुप्रयास के सचिव डॉ. मनोज जैन ने कहा कि लुप्तप्राय प्रजातियों के सामने कई खतरे हैं, जिनमें पर्यावरण का परिवर्तन, शिकारियों द्वारा अत्यधिक शिकार, अवैध शिकार, मनुष्यों द्वारा अतिक्रमण, उनके आवास से छेड़छाड़ करना और उसे नष्ट करना, प्राकृतिक आपदाएं के साथ-साथ मानव निर्मित आपदाएं प्रमुख हैं। कार्यशाला के समापन पर रेंज ऑफिसर एसएस सिकरवार ने आभार व्यक्त किया।