नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कारावास

सागर, 19 मई। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने नाबालिगा को भगा ले जाने और दुष्कर्म करने वाले आरोपी राकेश उर्फ रक्कू बंसल को दोषी करार देते हुए धारा 376(1) भादंवि के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (बालिका के नाना) ने थाना सानौधा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि पीडि़ता पांच नवंबर 2020 को पारिवारिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने उसके घर आई थी, कार्यक्रम उसके बड़े भाई के मकान से हो रहा था, जब वह रात्रि 11 बजे घर पहुंचा तो उसने पूछा कि बालिका कहां है तो बहू ने बताया कि बालिका छह नवंबर 2020 के दोपहर एक बजे कार्यक्रम में जाने का कहकर गई थी। फिर उसने व उसके परिवार वालों ने अभियोक्त्री को आस-पास व रिश्तेदारों में तलाश किया, किंतु उसका कोई पता नहीं चला। तत्पश्चात किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पीडि़ता को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त करते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। 31 जनवरी 2021 को पीडि़ता के दस्तयाब होने पर उसने बताया कि घटना के समय वह अपनी नानी के घर कार्यक्रम में गई थी, जहां आरोपी रक्कू उर्फ राकेश बंसल उसे मिला था। आरोपी ने उससेे कहा था कि उसके साथ चले, नहीं तो उसके भाई और पापा को जान से मार देगा। फिर आरोपी रक्कू उर्फ राकेश उसे गाड़ी में बैठाकर भोपाल ले गया था। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सानौधा पुलिस ने धारा 363, 366, 376(3), 376(2)(एन) भादंसं एवं धारा 5(एल), सहपठित धारा 6, 5(जे)(पप), सहपठित धारा 6, 3, सहपठित धारा 4(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।