मिलेट जागरुकता दिवस मनाकर नागरिकों को दिया संदेश

भिण्ड, 05 मई। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंर्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। जिसके तारतम्य में राज्य शासन द्वारा मिलेट फसलों को बढ़ावा दिए जाने के लिए राज्य मिलेट मिशन योजना प्रारंभ की गई है।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस निर्देशन में मिलेट अथवा मोटा अनाज गेहूं, चावल एवं मक्का के अतिरिक्त अन्य खाया जाने वाला मोटा अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, कोदो-कुटकी आदि एवं मिलेट फसलों की पहचान स्थापित करने के लिए मिलेट फसलों का उत्पादन विपणन प्रसंस्करण तथा पोषण उपयोग के महत्व एवं जन रुचि करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु जागरुकता रैली तथा कृषक परिचर्चा का आयोजन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग भिण्ड द्वारा किया गया।
उप संचालक कृषि रामसुजान शर्मा ने बताया कि मिलेट फसलें गेहूं, चावल की तुलना में अधिक पोषक तत्व वाली फसलें हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अति उत्तम भोजन है। इसलिए इन्हें न्यूट्रिसीरियल भी कहा जाता है। इन फसलों के उत्पादन में सिंचाई पानी की कम आवश्कता होती है तथा फसलों के उत्पादन में कीट एवं बीमारी कम आती है। यह पर्यावरण हितैशी फसलें हैं। इसलिए आवश्यकता है कि कृषक भाई मिलेट फसल उगायें और आमजन इनको भोजन में शामिल करें। मिलेट जागरुकता रैली दिवस में उप संचालक सह परियोजना संचालक आत्मा कृषि रामसुजान शर्मा, मुकेश शर्मा, श्रीमती मोनिका भास्कर, सत्यपाल अटैरिया एवं अन्य कृषि अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।