गोवर्धन पर्वत है साक्षात् बांके बिहारी : मुदगल महाराज

ग्राम गाता में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 03 मई। गोवर्धन पर्वत साक्षात् भगवान बांके बिहारी का रूप है, यदि हम श्रृद्धा पूर्वक उसे देखें तो उसमे हमें बांके बिहारी की छवि दिखाई देगी। गोवर्धन पर्वत पुलत्सि ऋषि के श्राप से प्रत्येक दिन तिल-तिल कम हो रहा है। अभी कलिकाल की शुरुआत है, जिस दिन गोवर्धन पर्वत जमीन में मिल जाएगा उस दिन कलिकाल अपने चरम सीमा पर पहुंच जाएगा। चारों ओर पृथ्वी पर अत्याचार और पाप ही पाप होगा। चारों ओर कलियुग की आंधी होगी। यह उद्गार ग्राम गाता में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिन कथा व्यास श्री लखनभाई मुदगल महाराज ने कही।
महाराजश्री ने गोवर्धन पर्वत की महिमा का सुंदर वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस अवसर पर राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, मेहगांव नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष ममता भदौरिया ने महाराज से आशीर्वाद लिया। इसके बाद हजारों श्रद्धालुओं ने भण्डारे में प्रसादी ग्रहण की। कथा परीक्षित राजेन्द्र सिंह भदौरिया और उनके सुपुत्र ने सभी ग्रामवासियों से व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।