दिसंबर 2023 तक मीजल्स-रूबेला निर्मूलन का लक्ष्य, टीके से ही संभव हैं बचाव

भिण्ड, 31 मार्च। भारत शासन द्वारा दिसंबर 2023 तक मीजल्स-रूबेला निर्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके अंतर्गत जिले में मीजल्स-रूबेला टीके से छूटे हुए नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को हेडकाउंट सर्वे उपरांत ड्यूलिस्ट अनुसार विशेष केचअप के चरणों का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यूपीएस कुशवाह ने जिले के समस्त नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों के अविभावकों से अपील की है कि एमआर एक संक्रामक रोग है, जो कि समय पर वैक्सीन लगवाने से बचाव किया जा सकता है। विभाग द्वारा एमआर के टीके लगाए जाने हेतु केचअप राउण्ड भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें नौ माह से पांच वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। साथ ही माह के प्रत्येक मंगलवार तथा शुक्रवार को नियमित टीकाकरण सत्रों का आयेाजन स्वास्थ्य संस्थाओं व आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया जाता है। उन्होंने अनुरोध किया है कि अपने नौ माह से पांच वर्ष तक के समस्त बच्चों को निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों पर लाकर एमआर का टीका लगवाएं तथा विटामिन-ए की खुराक पिलवाएं।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुमित सिंह भदौरिया ने बताया कि मीजल्स-रूबेला का पहला टीका नौ माह से 12 माह तक लगाया जाता है तथा दूसरा टीका 16 माह से 24 माह तक के समस्त बच्चों को लगाया जाता है। साथ ही यह भी बताया कि यदि बच्चों को शरीर पर हल्के लाल रंग के दाने व बुखार आता है तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर इसकी सूचना दें। कोई भी टीका छूटा हुआ है तो पांच वर्ष के भीतर जरूर लगवा सकते हैं।