ग्राम चितावली में खेरा वाली माता मन्दिर चल रही है श्रीराम कथा
भिण्ड, 28 मार्च। अटेर क्षेत्र के ग्राम चितावली में खेरा वाली माता मन्दिर पर नवरात्रि के अवसर पर कथा वाचक श्री मोहन जी महाराज के मुखारविंद से श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है। 30 मार्च को कथा के समापन अवसर पर विशाल भण्डारे का आयोजन भी होगा।
श्री मोहन महाराज ने मंगलवार को कथा में लक्ष्मण-परशुराम संवाद का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि परशुरामजी धुनष का भंग होना सुनकर जनकपुरी पहुंचते हैं और क्रोधित होकर कहते हैं कि शिव जी का धनुष किसने तोड़ा है। लक्ष्मण जी जवाब देते हैं तो उनकी बात को सुनकर परशुरामजी और क्रोधित होते हैं, परंतु राम की विनम्रता देखकर राम कहते हैं, आप तो हमसे बड़े हैं, मैं तो राम हूं, आपका नाम तो परशुराम है। वे अपना संदेह मिटाने के लिए रामजी से कहते हैं कि आप मेरे इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाओ, धनुष अपने आप ही राम के हाथें में चला जाता है, प्रभु राम प्रत्यंचा चढ़ाते हैं, परशुराम समझ जाते हैं ये भगवान रामजी हैं। प्रभु को प्रणाम कर परशुराम जी चले जाते हैं। अयोध्या से बारात आती है, सभी अयोध्यावासी धूमधाम से बारात लेकर जनकपुर पहुंचते हैं, सभी भाईयों का विवाह हर्षोल्लास के साथ होता है। राजा जनक बारात का स्वागत करते हैं और फिर चारों पुत्रियों को विदा करते हैं। सीता-राम, भरत-माण्डवी, लक्ष्मण-उर्मिला, शत्रुघन-श्रुतकीर्ति अवध आते हैं। माता कौशल्या, सुमित्रा, कैकेयी बधुओं की आरती उतारती हैं। अवध में बधाईयां बज रही हैं।
राजा दशरथ राम को युवराज बनाना चाहते हैं, सभी नगरवासी प्रसन्न हैं, कल राम का अभिषेक होगा। किंतु कैकेयी की दासी मंथरा कुटिल चाल चलती है, उसकी बातों में आकर कैकेई राजा दशरथ से अभी दो बरदान धरोहर के रूप में थे, उसे मांगने के लिए कोप भवन चली जाती है। राजा दशरथ कोप भवन जाकर रानी को मनाने का प्रयास करते हैं, किंतु वो नहीं मानी और राजा से त्रिवाचा भरा कर अपने दो वरदान के रूप में भरत को अयोध्या का राज व राम को 14 वर्ष का वनवास मांगती है। जब राम के पता चलता है तो वह पिता-माता की आज्ञानुसार वन जाने को सहर्ष तैयार हो जाते हैं। तत्पश्चात आरती की गई, व प्रसाद का वितरण किया। बुधवार को श्रीराम कथा में राम वनवास एवं केवट संवाद की कथा का वर्णन किया जाएगा।
शुद्ध दशी घी से बनेगा भण्डारे का भोजन
माता के दरवार में बीहड़ में चल रही श्रीराम कथा में खास बात यह है कि जब घनघोर बीहड़ में रामकथा चल रही थी तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि यहां भक्त कथा सुनने कैसे आ पाएंगे, किंतु माता की ऐसी कृपा हुई कि बीहड़ में माता के मन्दिर पर रामकथा सुनने भारी संख्या में भक्तगण पहुंच रहे हैं। भक्त इस कथा में इतने भाव विभोर हो गए कि कथा विश्राम के बाद 30 मार्च को मैया की कृपा से शुद्ध देशी घी का भण्डारा होगा। इसमें किशूपुरा, चितावली में धुंआबंद भण्डारा है तथा भक्त प्रेमी बंधुओं ने मैया की कृपा से देशी घी का भण्डार 30 मार्च को होना तय किया है।
पत्रकार जादौन एवं उनकी धर्मपत्नी ने किया सम्मान
श्रीराम कथा के दौरान पत्रकार विक्रम सिंह जादौन अहरौली घाट एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमत अरुणा जादौन ने कथा व्यास श्री मोहन महाराज एवं चितावली माता मन्दिर के महंत के अलावा महिला सत्संग शिक्षा मण्डल किशूपुरा की अध्यक्ष सुशीला देवी का स्वागत शॉल एवं श्रीफल भेंटकर किया। तत्पश्चात ग्राम पंचायत किशुपूरा चितावली के सरपंच गोकरन सिंह ने भी हनुमंत बाबा एवं विक्रम अहरौली घाट का सम्मान किया।