आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं का कलेक्ट्रेट पर धरना आज

भिण्ड, 26 फरवरी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं साहिकाओं से कार्य कराने की चिंता अधिकारियों को रहती है, आंगनवाड़ी केन्द्र चलाने के साथ अतिरिक्त कार्य कराए जाते हैं, परीक्षाओं में ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन शिक्षकों की तरह इन्हें अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया जाता क्यों? आंगनबाड़ी केन्द्रों का भवन भाड़ा पिछले नौ माह से नहीं मिला है, काम अधिक लिया जाता है, लेकिन शिवराज सिंह चौहान मामा की सरकार में मानदेय चार माह से नहीं मिला है। यह जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू की जिला संयोजक साधना भदौरिया ने दी है।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में साधना भदौरिया ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू के राज्यव्यापी आह्वान पर 26 समस्याओं को लेकर 27 फरवरी को दोपहर 12 बजे भिण्ड जिलाधीश कार्यालय पर धरना दिया जाएगा। जिसमें मुख्य मांग आंगनबाड़ी बहिनों को स्थाई कर्मचारी घोषित किया जाए, मानदेय की जगह न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए मासिक किया जाए, भवन भाड़ा एवं मानदेय प्रति माह पांच तारीख तक दिए जाने की व्यवस्था की जाए, मप्र भाजपा राज्य सरकार द्वारा काटा गया मानदेय का एरियर सहित भुगतान किया जाए, पोषण मटका कार्यक्रम को बन्द किया, कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं से दोहरा कार्य करना बंद किया जाए। धरना को सफल बनाने की अपील अल्का शर्मा, सीमा जाटव, मीरा शर्मा, आरती भदौरिया, रेखा श्रीवास्तव, ऊषा यादव, राखी गुप्ता, ऊषा त्यागी, नफीसा बानो, अनीता कौशल, शर्मीला शर्मा, ममता पाठक, ममता बघेल आदि ने की है।