मारपीट के विभिन्न मामलों में कुल नौ आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज

भिण्ड, 06 फरवरी। जिले के सुरपुरा, लहार एवं असवार थाना क्षेत्र में गाली गलौज, मारपीट एवं जान से मारने की धमकी के तीन मामले सामने आए हैं। पुलिस ने फरियादियों की रिपोर्ट पर कुल नौ आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिए हैं।
जानकारी के अनुसार सुरपुरा थाना पुलिस को फरियादिया शकुंतला देवी पत्नी राजेश भदौरिया उम्र 55 वर्ष निवासी ग्राम चितावली ने पुलिस को बताया कि रविवार की दोपहर में गांव में रहने वाले आरोपीगण छुट्टन उर्फ शैलेन्द्र भदौरिया, सोनम पत्नी छुट्टन उर्फ शैलेन्द्र सिंह के समर बोर का पानी उसके खेत में आ रहा था, जिस पर से उसने आरोपियों से कहा कि मेरे खेत में पानी आ रहा है। इसी बात को लेकर आरोपीगण गाली गलौज करने लगे। जब फरियादिया ने गाली देने से मना किया तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दे डाली। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 323, 294, 506, 34 भादंवि के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
लहार थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम मेहरी में मकान का पिलर भरने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। जिसमें प्रथम पक्ष के फरियादी भगवान सिंह पुत्र ओमप्रकाश दौहरे उम्र 28 वर्ष ने पुलिस को बताया कि रविवार को दोपहर में वह अपने मकान पिलर भरवा रहा था, तभी आरोपीगण मनु पुत्र धर्मजीत दौहरे, केदार पुत्र चतुरी दौहरे ने गाली गलौज किया। जब फरियादी ने गाली देने से मना किया तो आरोपियों उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दे डाली। वहीं दूसरे पक्ष के फरियादी चन्द्रप्रकाश पुत्र धर्मजीत दौहरे उम्र 35 वर्ष की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपीगण भगवान दौहरे, ओमप्रकाश दौहरे एवं टिल्लू दौहरे के विरुद्ध धारा 294, 323, 506, 34 भादंवि के तहत क्रॉस प्रकरण दर्ज कर लिया है।
उधर असवार थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम लिलवारी निवासी फरियादिया श्रीमती रानी पत्नी तेजसिंह परिहार उम्र 30 साल ने पुलिस को बताया कि रविवार की दोपहर में मामूली विवाद को लेकर गांव में रहने वाले आरोपीगण बबली बरेठा, प्रदीप बरेठा ने मामूली विवाद को लेकर उसके घर के बाहर चबूतरे पर जाति सूचक गाली गलौज किया। जब फरियादिया ने गाली देने से मना किया तो आरोपियों ने उसके मारपीट कर जान से मारने की धमकी दे डाली एवं हसिया से कान काट दिया। पुलिस ने फरियादिया की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरुद्ध धारा 324, 323, 294, 506, 34 भादंवि, 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2) (व्हीए) एससी/एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया है।