जटायु सबसे बड़ा भाग्यशाली है : साध्वी संगीता देवी

बालाजी धाम में हुआ श्रीरामचरितमानस सम्मेलन का भव्य आयोजन

मिहोना, 14 जनवरी। मिहोना क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल एवं सिद्ध स्थान श्री बालाजी धाम पर तीन दिवसीय श्री रामचरित मानस सम्मेलन के दौरान कानपुर से पधारीं प्रसिद्ध मानस वक्ता साध्वी संगीता देवी ने सभी श्रोताओं को श्रीराम कथा का अमृत पान कराते हुए कहा कि सुग्रीव के अंदर 60 हजार हाथियों की ताकत थी, फिर भी सीता हरण के समय वह लंकापति रावण से कुछ नहीं बोला, वहीं दूसरी ओर एक पक्षी गिर्राज जटायु ने सीता हरण के समय रावण से युद्ध किया। रावण ने क्रोध में आकर उसके पंख काट डाले, जिससे वह घायल हो गया। भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का अंतिम संस्कार नहीं कर पाया, लेकिन गिद्धराज जटायु का अंतिम संस्कार प्रभु राम ने अपने हाथों से किया। संसार में जटायु से बड़ा भाग्यशाली और कोई दूसरा नहीं है।

अयोध्या धाम से पधारे श्री सियाशरण महाराज ने सती चरित्र की कथा सुनाई। तत्पश्चात क्षेत्र के प्रसिद्ध मानस वक्ता राजवंशी श्री बजरंग शरणजी महाराज ने सभी को अपनी नकद कथा के माध्यम से ओजस्वी वाणी से भाव विभोर कर दिया। उन्होंने बताया कि संसार में सबसे बड़ा धर्म परोपकार है, दूसरों की सेवा करने के समान कोई धर्म नहीं है, इसलिए हम सभी को ज्यादा से ज्यादा परोपकार करना चाहिए। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. ओपी पचौरी मिहोना ने किया। इस अवसर पर कछवाहधार की कुलदेवी जमुवाय वाली माता के पुजारी श्रीश्री 108 श्री कुंजबिहारी दास महाराज ने सभी को आशीष वचन दिए।