नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष कारावास

झाबुआ, 06 दिसम्बर। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियक 2012) जिला झाबुआ श्री भरत कुमार व्यास के न्यायालय ने चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म कारित करने वाले आरोपी मेहर सिंह उर्फ मेरसिंह पुत्र सकरिया भूरिया निवासी जाम्बुवकुडी छापरी रणवास को धारा 363, 366, 506(भाग 2) में सात-सात वर्ष एवं 376(2) भादंवि एवं 5/6 पॉस्को एक्ट के तहत 20-20 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल पांच हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन विशेष लोक अभियोजक अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी झाबुआ श्रीमती मनीषा मुवेल ने किया।
अभियोजन जिला मीडिया प्रभारी जिला झाबुआ सूरज वैरागी ने प्रकरण जानकारी देते हुए बताया कि 25 अगस्त 2021 को फरियादी ने थाना कालीदेवी में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी नाबालिग लड़की जिसकी उम्र 16 वर्ष की है, 15 अगस्त 2021 को दोपहर तीन बजे मुझे खेत पर जाने का कहकर घर से निकली थी, जो वहां नहीं पहुंची तथा वापस घर भी नहीं आई, जिसकी तलाश हम लोगों ने रिश्तेदार व आस-पास में की, किंतु पता नहीं चला। मुझे शंका है कि मेरी नाबालिग पुत्री को कोई अज्ञात बदमाश बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया है। थाना कालीदेवी पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। विवेचना के दौरान 26 अगस्त 2021 को अपहर्ता नाबालिग पीडि़ता को दस्तयाब कर मय वीडियोग्राफी के कथन लिए गए, जिसने अपने कथन में बताया कि घटना दिनांक को घर से खेत पर निन्दाने गई थी, खेत पर मेहर सिंह उर्फ मेरसिंह पुत्र सकरिया भूरिया निवासी जाम्बुवकुडी छापरी रणवास का आया और बोला कि मेरे साथ चल, मैं तेरे साथ शादी करूंगा और औरत बनाकर रखूंगा। अपहर्ता द्वारा मना करने पर जान से मारने धमकी देकर नाबालिग पीडि़ता को जबरजस्ती खेत से पैदल-पैदल कालीदेवी लेकर आया व कालीदेवी से बस में बैठकर कालावाड (गुजरात) लेकर गया। वहां से सतर गांव (गुजरात) लेकर गया, जहां स्थान पर एक झोपड़ी बनाकर अपहर्ता को रखा और उसके साथ रोज उसकी मर्जी के बिना खोटा काम (दुष्कर्म) किया और बोला कि यह बात किसी को बताई तो जान से खत्म कर दूंगा। पीडि़ता गुजरात से वापस अपने घर आई व घटना अपने माता-पिता को बताई। पीडि़ता के कथन के आधार पर प्रकरण में धारा 366(क), 376(2), 506 भादंवि एवं 5(आई)/6 पॉस्को एक्ट का इजाफा कर अनुसंधान के दौरान पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्याोयालय में प्रस्तुकत किया गया। उक्त प्रकरण की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए प्रकरण को चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज घोषित किया गया था। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी मेहर सिंह उर्फ मेरसिंह को दोषी पाते हुए धारा 363, 366, 506(भाग-2) में सात-सात वर्ष एवं 376(2) भादंवि एवं 5/6 पॉस्को एक्ट के तहत 20-20 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल पांच हजार रुपए के जुर्मानेसे दण्डित किया है।