मनुष्य एक बार देसी गौमाता की परिक्रमा कर ले तो 99 करोड़ों तीर्थ का पुण्य प्राप्त होता है : रामभद्राचार्य जी

ग्राम गुदावली में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड, 04 दिसम्बर। दंदरौआ धाम के महंत श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास जी महाराज के सानिध्य में मेहगांव क्षेत्र के ग्राम गुदावली स्थित श्रीश्री 1008 बाबा बालकदास महाराज महासिद्ध पीठ धाम परिसर में संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा एवं श्री हनुमान पंचकुण्डीय महायज्ञ आयोजन किया जा रहा है।
श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि भारतीय तीर्थ लगभग 99 करोड़ हैं, तो मनुष्य सभी तीर्थ स्थल तक नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए मनुष्य एक बार देसी गौमाता की परिक्रमा कर ले तो 99 करोड़ों तीर्थ का पुण्य प्राप्त होता है। भैंस तो केवल दूध देती है, लेकिन गौमाता तो अमृत देती है, कुछ लोग ऐसे होते हैं कि न तो खुद ही भोजन करेंगे और न तो किसी दूसरे को भोजन करने देंगे। भगवान को गोपाल कहते हैं, क्योंकि भगवान गौमाता को चराते थे, भागवत कथा में श्लोकों की संख्या 18 हजार है। पत्नी को अपने पति का मुख्य नाम नहीं लेना चाहिए, यह नियम है कि पति को भी पत्नी का मुख्य नाम नहीं लेना चाहिए। भगवान ने कहा कि यदि इन्द्र पानी बरसाते तो सूखा क्यों पड़ जाता है, तब क्रोध आकर के इन्द्र ने पानी बरसाया तो भगवान ने गिर्राज पर्वत को एक उंगली पर उठाकर सभी बाल गोपाल की रक्षा की, सात दिनों तक वर्षा हुई, उसके बाद भगवान ने पर्वत वहीं स्थापित कर दिया।

कथा के आरंभ में पारीक्षित महेन्द्र शर्मा ने परिजनों एवं अन्य अतिथियों के साथ व्यास गद्दी का पूजन किया और समापन पर मुख्य आयोजक एवं पारीक्षित श्रीमती ममता महेन्द्र शर्मा सहित भक्तगणों ने श्रीमद् भागवत की आरती की तथा सभी को प्रसादी का वितरण किया गया। इस मौके पर महंत श्री कमलदास महाराज टीकरी, महंत कालिदास महाराज तेजपुरा, राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, रामहरी शर्मा एडवोकेट, मायाराम शर्मा एडवोकेट सहित अनेक श्रृद्धालु मौजूद रहे।