जल जनित एवं संक्रमित बीमारियों से सावधानी बरतना जरूरी

भिण्ड, 08 अगस्त। अंचल में अतिवृष्टि (वर्षाकाल) में जगह-जगह पानी भर जाने के कारण जल स्त्रोत बन जाते हैं जिसके कारण संक्रमित बीमारियां एवं मच्छरजन्य परिस्थितियां निर्मित हो जाती हैं जिससे खांसी जुकाम, उल्टी, टाईफाईड, त्वचा रोग, पीलिया एवं मच्छरों की उत्पत्ति बढ़ जाने से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है। कुछ सावधानियां रखने पर मच्छरजन्य परिस्थितियों को समाप्त करने से मच्छरों की उत्पत्ति पर रोक लगाई जा सकती है एवं जल जनित एवं संक्रमित बीमारियों से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. बीआर आर्य द्वारा जनसमुदाय से अपील है कि मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया से बचाव हेतु सावधानियां बरती जाना अति आवष्यक है जैसे-मच्छर से बचने के लिए पूरे बांह के कपड़े पहनें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, सोते समय मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती, रैपिलेंट आदि का उपयोग करें, घर के आस-पास गड्ढों में पानी जमा न होने दें, यदि गड्ढे के पानी की निकासी किया जाना संभव न हो तो जला हुआ तेल अथवा मिट्टी का तेल डाल दें, घर में पानी से भरे हुए बर्तन टंकी, मटका, बाल्टी आदि को अच्छी तरह ढंक कर रखें तथा कूलर, टंकी, मटका, बाल्टी आदि का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलते रहें, तथा सुखा कर ही दुबारा भरें, पानी में छोटे-छोटे कीड़े (लार्वा) दिखाई दे तो सूखी जगह पर पानी को फैला दें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला भिण्ड डॉ. अजीत मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि अंचल में अत्याधिक बारिश हो रही है एवं जिले के कुछ क्षेत्र बाढ़ संभावित क्षेत्र हैं। उन्होंने बताया कि इस मौसम को बीमारियों का संक्रमण काल भी कहते हैं, क्योंकि इस समय कई प्रकार के कीटाणू आदि आसानी से प्रकृति में पनपने लगते हैं। इस मौसम हम सभी को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जैसे कि हमेशा ताजे और स्वच्छ सब्जी/ फल का सेवन करें, (खाने से पहले फलों एवं सब्जियों को स्वच्छ पानी से धोकर साफ कर लें खासकर हरी पत्तेदार सब्जियां), बासी भोजन, पहले से कटे हुए फल तथा दूषित भोजन का सेवन ना करें, हमेशा ताजा गर्म खाना खाएं, इन दिनों में हमारी पाचन शक्ति सबसे कम होती है इसलिए जरूरी है कि अधिक तला-भुना खाना न खाया जाए, ज्यादा ठण्डा एवं खट्टा ना खाएं, घर में एवं घर के आस-पास साफ-स्वच्छ वातावरण रखना अति आवश्यक है। अनावश्यक पानी में भीगने बचना चाहिए। छोटे बच्चों एवं वृद्धों का विशेष ध्यान रखा जाना जरूरी है। इस मौसम में खांसी जुकाम, उल्टी, टाईफाईड, त्वचा रोग, पीलिया इत्यादि अनेकों रोग फैलते हैं। बीमार होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सीय परामर्श पर उचित उपचार लें। साथ ही यह भी सावधानी रखें कि परिवार के किसी व्यक्ति को मलेरिया, डेंग, चिकुनगुनिया, बुखार आने पर आवश्यक रूप से मच्छरदानी में ही सुलाएं, अन्यथा घर के अन्य सदस्य को भी संक्रमण हो सकता हैं।