व्यापारियों को फायदा पहुंचाने देरी से की जा रही मूंग की खरीद : दीक्षित

भिण्ड, 17 जुलाई। तथाकथित किसानों के शुभचिंतक कहे जाने वाले मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा करते हैं कि किसानों की पैदा की गई संपूर्ण मूंग सरकार खरीदेगी। जिसके लिए पंजीकरण 18 से 28 जुलाई तक किया जाएगा, जबकि हकीकत इसके उलट है। जिले के 15 हजार किसानों ने ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल बोई, जो कि बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष 50 फीसदी कम पैदावार हुई, बावजूद इसके किसानों को उसकी कम मात्रा में हुई फसल का भी समर्थन मूल्य नहीं मिल पाया। क्योंकि शिवराज सरकार की मंशा किसानों से मूंग खरीदने की ना होने के कारण किसानों के रजिस्ट्रेशन और ना ही खरीद केन्द्र चालू करवाए। लिहाजा किसानों को अपनी मूंग की फसल मण्डी में व्यापारियों को पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिससे जिले के 15 हजार किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 22 करोड़ रुपए एमएसपी के रूप में चपत लग गई। उक्त जानकारी प्रेस को जारी विज्ञप्ति में मप्र किसान सभा जिला अध्यक्ष राजीव दीक्षित ने दी।
दीक्षित ने आगे सरकार से सवाल करते हुए कहा कि बीते वर्ष प्रशासन द्वारा जिलेभर में खरीद केन्द्र स्थापित करवाने के बाद पांच जून से मूंग खरीद शुरू करवा दी गई थी, इस वर्ष के रजिस्ट्रेशन को जुलाई महीने के अंत में करवाया जा रहा है। जबकि किसान अपनी मूंग की फसल को औने-पौने दामों में मण्डियों के अंदर व्यापारियों को बेच चुका है, किसानों के पास जब मूंग बेचने के लिए ही नहीं है तो फिर यह रजिस्ट्रेशन और खरीद किसके लिए? शासन-प्रशासन और व्यापारियों की मिलीभगत के कारण किसानों को नुकसान हुआ है, जिसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। साथ ही मांग करते हैं कि जिले के 15 हजार किसानों का जो नुकसान हुआ उसकी राशि 2200 रुपए प्रति क्विंटल के मान से सीधे उनके खाते में डाली जाए।