श्रृद्धालुओं ने गंगा मैया का मंत्रों के साथ किया पंचामृत अभिषेक

मां गंगा का अभिषेक कर देशभर में अच्छी बारिश की मनोकामना की

ग्वालियर, 09 जून। भाऊ का बाजार स्थित 125 साल पुराना गंगा मन्दिर में गुरुवार को गंगा दशहरा पर मन्दिर में प्रात बेला में मां गंगा मैया का महिलाओं ने मंत्र उच्चरण के साथ पंचामृत से अभिषेक किया। अभिषेक के उपरांत मां गंगा मैया का विशेष श्रृगांर कर भव्य आरती उतारी। मन्दिर में सुबह से पहुंच रहे श्रृद्धालुओं ने हाथ जोड़कर एवं माथ टेकर दर्शन किए।


मन्दिर के मीडिया प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि महंत पुजारी किरण शर्मा ने मंत्र उच्चारण के साथ मां गंगा मैया का जल, दूध, घी, दही, चंदन, केशर, शहद, फलों के रस सहित पंचामृत से अभिषेक किया गया। मैया का अभिषेक और पूजा आर्चना कर उपरांत देशभर में अच्छी बारिश होने के लिए मां गंगा से मनोकामना की। महिलाओं ने मां गंगा मैया का विशेष श्रृंगार कर भक्तिभाव से किया। इस के साथ ही श्रृद्धालुओं ने गंगा मैया की दीपों से भव्य महाआरती उतारी। महिलाओं ने ढोलक की थाप पर मां गंगा मैया के भजनों पर महिलाओं ने भक्ति विभोर होकर किर्तन में गंगा मैया की भेंटे गाईं और नृत्य किया। जिसके बाद प्रसादी का वितरण किया गया। वहीं श्रृद्धालुओं ने मन्दिर में शर्बत, पानी, मटका, पंखा, खरबूजा, आम, चीनी आदि चीजें दान कीं।

दान और स्नान का महत्व आज, स्नान करने से 10 प्रकार के पाप नष्ट होते है

मन्दिर की स्थापक श्रीमती किरण शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ शुल्क पक्ष की दशमी को संवत्सर का मुख्य कहा गया है, इसलिए इस दिन स्नान और दान देने के विशेष महत के चलते भक्त ब्राह्मणों को सुराही, मटकी, पंख, आम, सत्तू आदि वास्तुओं का दान करते हैं। वराह पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुल्क दशमी के दिन हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से धरती पर गंगा का अवतरण हुआ था। गंगा दशहरा पर इस पवित्र नदी में स्नान करने से 10 प्रकार के पाप नष्ट होते हैं। 10 पापों में तीन कायिक, चार वाचिक और तील मानसिक पाप होते हैं। गंगा स्नान से इन सभी को पापों से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।