विद्या भारती के विद्यालय दे रहे हैं राष्ट्र भक्ति की शिक्षा : आरावकर

पचोर में चल रहा है आचार्य प्रशिक्षण वर्ग

पचोर (राजगढ़), 06 मई। विद्या भारती मध्य भारत प्रांत भोपाल द्वारा आयोजित प्रांतीय आचार्य सामान्य शिक्षण वर्ग, प्रधानाचार्य एवं वित्त प्रबंधन वर्ग को संबोधित करते हुए विद्या भारती के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीराम आरावकर ने कहा कि विद्या भारती के सरस्वती शिशु मन्दिर विद्यालय समाज में राष्ट्र भक्ति की शिक्षा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरस्वती शिशु मन्दिर योजना की शुरुआत सन 1952 में गोरखपुर उत्तर प्रदेश में हुई। बाद में धीरे-धीरे अन्य राज्यों में विद्यालय खुलते गए और आज मिजोरम और लक्षद्वीप को छोड़कर भारत के सभी राज्यों में हमारे विद्यालय सरस्वती शिशु मन्दिर, आदर्श विद्या मन्दिर, गीता विद्या निकेतन, सर्वहितकारी, विवेकानंद आदि नामों से समाज में संस्कार युक्त शिक्षा देने का पुनीत कार्य अहर्निश कर रहे हैं। विद्या भारती की स्थापना सन् 1977 में हुई। विद्या भारती के चार आयाम विद्वत परिषद, शोध, पूर्व छात्र परिषद और संस्कृति बोध परियोजना। उन्होंने समाज में सामाजिक चेतना, भारत को जानो, क्रिया शोध, संस्कृति ज्ञान परीक्षा, निबंध प्रतियोगिता, पत्र वाचन प्रतियोगिता आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।


इस अवसर पर विद्या भारती ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षा के राष्ट्रीय सह संयोजक शशिकांत फड़के, प्रांत प्रमुख ओमप्रकाश जांगलवा, प्रांतीय सचिव वीरेन्द्र सिंह सेंगर, प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख नारायणी चौहान, प्रांत वित्त निरीक्षक विष्णु आर्य, प्रांतीय कार्यालय प्रमुख और भोपाल विभाग प्रभारी राजेन्द्र सिंह ठाकुर, ग्वालियर भाग प्रमुख गोपाल शर्मा, स्थानीय विद्यालय समिति के अध्यक्ष, सचिव, अन्य पदाधिकारी एवं आचार्य, दीदी उपस्थित रहे। अतिथि परिचय वर्ग संयोजक रघुराज सिंह चौहान ने कराया। अतिथि स्वागत विभाग प्रमुख द्वय गोपाल सोनी एवं संतोष सेजगाए ने किया। मंच का सफल संचालन जिला प्रमुख शिवपुरी मुकेश दांगी ने किया। सरस्वती वंदना योगेश माकवे हरदा ने प्रस्तुत की।