मारने वाला भी भगवान और बचाने वाला भी भगवान है : राजेश शास्त्री

ग्राम पचेरा में देवी भागवत कथा पांचवा दिन

भिण्ड, 06 अप्रैल। मां भगवती की कृपा जिस पर हो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मारने वाला भी भगवान है और बचाने वाला भी भगवान है। इसलिए काम करने से पहले भगवान का नाम लेना चाहिए। यह बात पचैरा गांव मे में चल रही श्रीमद् देवी भागवत पुराण के पांचवें दिन व्यास गद्दी से आचार्य पं. राजेश शास्त्री ने कही।
उन्होंने अयोध्या के महाराज धुवसंधि की कथा सुनाते हुए कहा कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी दो रानियों के पुत्रों को राजतिलक को लेकर हुए विवाद में उनकी बड़ी रानी मनोरमा का बेटा सुदर्शन का होना चाहिए। धुव्रसंधि की दूसरी पत्नी लीलावती की इच्छा अपने पुत्र के राजतिलक की थी। कई षडय़ंत्र रचे गए कि मनोरमा के पुत्र का राजतिलक नहीं होना चाहिए। उन्होंने उसे मारने की चेष्टा की, लेकिन उनके मंत्री बिदल की चतुराई से रानी मनोरमा का पुत्र सुदर्शन मां दुर्गा की कृपा से बच गया और आखिर में देवी कृपा से उन्होंने अपना राज्य पाया। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की जिस पर कृपा हो जाए वह धन्य-धान्य, शक्ति साधन से संपन्न हो जाता है। इस अवसर पर मां दुर्गा सहित राजा सुदर्शन की झांकी का प्रदर्शन किया गया। देवी भागवत कथा श्रीश्री 1008 कमलदास महाराज भी पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रृद्धालु उपस्थित रहे।