-राम-जानकी विवाह महोत्सव सनातन संस्कृति का जीवंत प्रतीक
भिण्ड, 03 नवम्बर। मां त्रिमुखा टीकरी धाम के महंत 1008 कमल दास महाराज के सानिध्य में इस वर्ष श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव उत्साह के साथ संपन्न होने जा रहा है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति, भक्ति, प्रेम और भारतीय संस्कारों का सजीव प्रदर्शन है। 10 नवंबर को दोपहर 12 बजे से त्रिमुखा टीकरी धाम से लग्न यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा, जो मसूरी धाम के लिए रवाना होगी। यह यात्रा जयकारों, भजन-कीर्तन और शंख-घण्टों की गूंज के साथ भक्तिभाव की अविरल धारा प्रवाहित करेगी।
25 नवंबर को 1008 कमलदास महाराज के करकमलों से श्रीराम-जानकी विवाह संस्कार संपन्न होगा, जिसमें सैकड़ों संत, भक्त और श्रद्धालु शामिल होंगे। इस अवसर पर धार्मिक संगीत, वैदिक मंत्रोच्चारण और भक्ति-भाव से वातावरण गूंज उठेगा। गुरु महाराज संदेश है कि राम और जानकी का मिलन केवल विवाह नहीं, यह आत्मा और परमात्मा का संगम है। उनकी प्रेरणा से यह आयोजन सनातन धर्म की उस प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित कर रहा है, जहां विवाह केवल एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि धर्म, मर्यादा और प्रेम का संस्कार है। पूरे धाम को दीपों, पुष्पों और वैदिक मंत्रों की ध्वनि से सजाया जा रहा है। पुल, बंगाल और आस-पास के सभी स्थल भक्ति रंग में रंग चुके हैं। मन्दिर प्रबंधन समिति ने सभी भक्तों से आग्रह किया है कि वे परिवार सहित पधारें, दर्शन करें और श्री राम-जानकी के पावन मिलन के साक्षी बनें। ‘जय सिया राम, जय गुरुदेव भगवान के जयघोष से गूंजते वातावरण में हर भक्त का हृदय प्रेम, श्रद्धा और आनंद से झूम उठेगा। यह केवल विवाह नहीं यह उस सनातन संस्कृति का महाउत्सव है, जो गुरुदेव कमल दास महाराज जैसे दिव्य संतों के मार्गदर्शन में आज भी जीवंत है। यह आयोजन आने वाली पीढिय़ों को यह सिखाएगा कि भारतीय संस्कृति का आधार भक्ति, प्रेम और संस्कार है। ओम महाराज का प्रथम जयश्री उदघोष के साथ विवाह महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। भक्तों में उल्लास, संतों में दिव्यता और पूरे क्षेत्र में धार्मिक उमंग का माहौल व्याप्त है।







