रायसेन, 16 अक्टूबर। अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012) जिला रायसेन की अदालत ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने के वाले आरोपी रितिक उम्र 19 वर्ष, निवासी ग्राम पड़ोनिया थाना मण्डीदीप, जिला रायसेन को धारा 366 भादंसं में 5 वर्ष कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, पाक्सो एक्ट की धारा 3, सहपठित धारा 4(2) में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं चा हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन भारती गेडाम ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 12 दिसम्बर 2023 को अभियोक्त्री ने अपने माता-पिता व जीजा के साथ थाना मण्डीदीप में शिकायत दर्ज कराई कि उसका जन्म 9 अप्रैल 2011 है और उसने कक्षा 5वी तक पढ़ाई की है। लगभग एक वर्ष पूर्व इंस्टाग्राम के माध्यम से उसकी दोस्ती अभियुक्त से हो गई थी और वे दोनों फोन पर भी बातें करते थे। आज सुबह 11:30 बजे अभियुक्त उससे मिलने के लिए उसके घर के पास गणेश मन्दिर पर आया और उसे घुमाने के बहाने मोटर साइकिल पर बैठाकर ग्राम दाहोद के डेम के आगे लेकर जंगल तरफ गया तथा जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया और बाद में उसे मण्डीदीप में माना बायपास के पास छोड़कर चला गया। वह वहां बैठी थी तभी उसके जीजा व फूफा उसे ढूंढते हुए आए और उसने उन्हें सारी बात बताई, वे उसे घर लेकर गए, वहां उसने अपने माता-पिता को भी संपूर्ण घटना बताई। अभियोक्त्री की शिकायर्त पर थाना मण्डदीप में अपराध कायम किया गया। जांच के दौरान अनुसंधान अधिकारी ने घटना स्थल पर जाकर नक्शा मौका, वीडियोग्राफी पंचनामा बनाया। अभियोक्त्री के कथन लेखबद्ध किए, डीएनए परीक्षण कराया गया जिसमें सकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं दलीलों के आधार पर न्यायालय ने विचारण उपरांत अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य विश्वषनीय पाई जाने, डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त होने के आधार पर यह प्रमाणित माना की अभियोक्त्री के साथ दुष्कर्म किया गया है।