– न्यायालय ने 25 हजार-25 हजार का अर्थदण्ड भी लगाया
ग्वालियर, 08 अक्टूबर। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं एकादशम जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट जिला ग्वालियर तरुण सिंह की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म कर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वाले आरोपी विकम जाटव उम्र 22 वर्ष निवासी वार्ड क्र.5 भितरवार, सुनील बघेल उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम बसई, अंकित बघेल उम्र 22 वर्ष निवासी भितरवार, थाना भितरवार जिला ग्वालियर को सत्र प्रकरण क्र.33/2023 धारा 376डी भादंसं में आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 305 भादंसं में 10 वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित कर पीड़िता के परिजन को चार लाख रुपए प्रतिकर एवं सहायता राशि प्रदान करने का आदेश पारित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक हरिओम वर्मा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि एक जनवरी 2023 को अभियोक्त्री के माता-पिता खेत पर गए थे। उसी दिन 2 बजे के लगभग मृतिका ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसकी सूचना उसके पिता को दी गई, तब पिता ने उसकी मृत्यु के संबंध में थाने पर सूचना दी। जिस पर से थाने भितरवार में मर्ग दर्ज कर जांच उपरांत अभियुक्तगण विक्रम जाटव, सुनील बघेल एवं अंकित बघेल के विरुद्ध अभियोक्त्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने एवं अवैध संबंध बनाए रखने को विवश करने के लिए तथा किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी के संबंध में अपराध दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। विवेचना के दौरान मृतिका की बहिन व उसके परिजनों के कथन लेखबद्ध किए गए। मृतिका का मेडीकल परीक्षण कराया गया। अभियुक्तगण का डीएनए परीक्षण हेतु रक्त नमूना संकलित किया गया और डीएनए परीक्षण कराया गया, जिसमें डीएनए रिर्पोट पॉजिटिव आई। मृतिका के फोन में रिकार्डिंग थी कि मैं सुसाइड कर रही हूं। अंकित बघेल ने मुझसे शारिरिक संबंध बनाए है और मम्मी-पापा को बताने पर बदनाम करने, कहीं का न छोड़ने एवं माता-पिता और भाई को जान से मारने की धमकी दी गई।
अभियोक्त्री के पिता, मौसा, चाचा एवं बहिन के न्यायालयीन कथन डीएनए रिपोर्ट एवं अभियोजन द्वारा प्रस्तुत की गई, अन्य सुसंगत साक्ष्य सुसाइड नोट के आधार पर एवं अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष दी गई दलीलों पर विश्वास करते हुए न्यायालय ने आरोपीगण को सामूहिक बलात्संग एवं नाबालिग को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के लिए दोषी पाते हुए आजीवन कारावस की सजा सुनाई है। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया एवं पीड़िता को चार लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने का आदेश पारित किया है।