अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग को लेकर यादव समाज ने सौंपा ज्ञापन

भिण्ड, 19 नवम्बर। वीर अहीर निर्माण सेना ने नेतृत्व में अहीर रेजीमेंट की मांग को लेकर यादव समाज के सभी संगठनों ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंच कर महामहिम राष्ट्रपति के नाम एडीएम भिण्ड को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर यादव महासभा के जिलाध्यक्ष रामरतन उर्फ दाऊ यादव, जनपद सदस्य भाजपा नेता शिवराज सिंह उर्फ लला यादव, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष विजयवीर सिंह यादव, वीर अहीर निर्माण सेना के जिलाध्यक्ष राधेगोपाल यादव, अनिल यादव, मुखिया यादव, रिटायर मेजर सूरज यादव, सुरेन्द्र सिंह यादव, सोनू यादव कमई सहित सैकड़ों की संख्या में युवा ज्ञापन में सम्मिलित हुए।
इसस पूर्व यादव समाज के लोगों ने शहीद पार्क में में पहुंचकर शहीदों को पुष्प अर्पित कर श्रृद्धांजलि दी। उन्होंने बताया कि 1962 युद्ध में रेजांगला चौकी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले अपने 114 शहीदों के सम्मान में इस तारीख को देश-विदेश में रेजांगला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। यादव वीर अहीर समाज ने देश के लिए जब भी जरूरत पड़ी है शहादत दी है और आगे भी देश के लिए शहादत देते रहेंगे। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग की है।

रेजांगला की कहानी

1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान 18 नवंबर को रेजांगला चौकी पर एक युद्ध हुआ था, जिसकी वीरता का दूसरा उदाहरण दुनिया में नहीं मिलता 120 वीर अहीर सैनिकों की टुकड़ी मेजर शैतान सिंह भाटी की अगुवाई में दक्षिण लेह लद्दाख मैं रेजांगला चौकी पर तैनात थी जिनके पास हथियार पुराने थे और गोला बारूद बहुत कम था, उधर आधुनिक हथियारों से लैस चीन के तीन हजार सैनिकों ने हमला किया, हमारे सैनिकों ने 18 हजार फीट की ऊंचाई पर माइनस 40 डिग्री तापमान में इतनी वीरता से युद्ध किया और 1400 चीनी सैनिकों को मार गिराया और चीन को युद्ध विराम के लिए मजबूर कर दिया। अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारे 114 वीरों ने अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन अपनी चौकी को चीनियों के हाथ नहीं जाने दिया। इस वीरता के लिए टुकड़ी को एक परमवीर चक्र, आठ वीर चक्र, चार सेना मेडल और एक अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। सूर्य वीरो में अति सूर्य वीर अहीर इस उपाधि से सरकार ने उन्हें नवाजा और लेह लद्दाख में अहीर धाम नाम से उनका एक स्मारक बनाया।