– ब्राह्मण समाज ने एकजुटता से लिया धर्म-संरक्षण का दृढ संकल्प
भिण्ड, 05 अगस्त। सनातन धर्म की आत्मा और भारतीय आस्था के केन्द्र कैलाश मानसरोवर को चीन के अधिपत्य से मुक्त कराने हेतु चल रहे कैलाश मानसरोवर मुक्ति अभियान को बोरेश्वर धाम में अभूतपूर्व जनसमर्थन मिला। इस पावन श्रावण मास में आयोजित कार्यक्रमों ने धर्म, समाज और राष्ट्र को एक सूत्र में बांधते हुए अदभुत ऊर्जा प्रदान की।
इस अभियान के तहत बोरेश्वर महादेव के सान्निध्य में अर्पित मुदगल ने सैकडों श्रद्धालुओं को एक ऐतिहासिक संकल्प दिलवाया। सभी ने हाथ जोडकर, शिव के चरणों में एक स्वर में यह वचन लिया- मैं पवित्र श्रावण मास में भगवान शंकर का ध्यान करते हुए यह संकल्प लेता हूं कि भगवान शिव के निवास स्थान कैलाश मानसरोवर को चीन के अधिपत्य से मुक्त कराने हेतु यथासक्ति प्रयास करूंगा। अत: इस दिशा में किए जाने वाले सभी प्रयासों में हर संभव सहयोग करूंगा। भगवान शंकर मेरे इस संकल्प को पूर्ण करने की शक्ति प्रदान करें। इस संकल्प के साथ ‘हर हर महादेव, जय कैलाश, जय भारत, जय तिब्बत’ के गगनभेदी नारों से बोरेश्वर धाम गूंज उठा। मुदगल ने कहा कि कैलाश केवल एक पर्वत नहीं, यह सनातन चेतना का केन्द्र है। इसकी मुक्ति राष्ट्र की आत्मा की मुक्ति है।
इस अवसर पर ब्राह्मण महासभा के संरक्षक बाबा भगवानदास सेंथिया, ओमप्रकाश पुरहेत, जिलाध्यक्ष सतीश जोशी, उपाध्यक्ष सुनील चौधरी, आचार्य कुलदीप शास्त्री, सत्यप्रकाश शर्मा (अध्यक्ष, सवर्ण आर्मी), राजीव उपाध्याय (अध्यक्ष ब्राह्मण संगठन) सहित अनेक पदाधिकारियों ने एकमत होकर कहा कि ब्राह्मण समाज वेद-पुराणों का ही नहीं, राष्ट्र की आत्मा का संरक्षक है। संघर्ष, सेवा और संगठन के मंत्र से हम कैलाश की मुक्ति तक यह प्रयास जारी रखेंगे।
शिवमहापुराण कथा में आचार्य परंपरा का सम्मान
शिवमहापुराण कथा के अवसर पर बोरेश्वर धाम सत्संग प्रांगण में ब्राह्मण महासभा द्वारा अनेक विद्वान आचार्यों का भव्य सम्मान किया गया। सम्मानित विद्वानों में आचार्य प्रशांत तिवारी, कुलदीप शास्त्री, दिनेश शास्त्री, हरिगोविन्द शास्त्री, मनीष पाराशर शास्त्री, रामवरन शास्त्री, बृजनारायण भारद्वाज, रामधुन त्रिपाठी, वाचाराम शास्त्री, रामकुमार शास्त्री तथा विपिन शास्त्री प्रमुख रहे। सभी विद्वानों को शॉल, श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर उनके ज्ञान, सेवा व समाज में योगदान के लिए आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सतीश जोशी ने कहा यह केवल आंदोलन नहीं, एक महायज्ञ है। कैलाश मानसरोवर मुक्ति अभियान अब केवल एक मांग नहीं, बल्कि सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय अस्मिता की पुनसर््थापना का महायज्ञ बन चुका है। हमारा कैलाश हमें वापस चाहिए, कैलाश मुक्ति नहीं, तो चैन नहीं, कैलाश धर्म का है भारत का है। महासभा उपाध्यक्ष सुनील चौधरी ने कहा कि आप सभी कैलाश मुक्ति अभियान का हिस्सा बनें।