कलयुग में भागवत में हर मनुष्य की समस्या का समाधान : आचार्य शास्त्री

भिण्ड, 16 नवम्बर। मेहगांव क्षेत्र के कनाथर गांव में चल रहे भव्य व दिव्य भागवत महापुराण के छटवे दिवस मंगलवा को कथा व्यास आचार्य पं. विमल कृष्ण महाराज ने कथा में भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी जी के विवाह का उत्सव सभी श्रोताओं ने झूम कर मनाया।

श्रीकृष्ण-रुक्मिणी के रूप में सजीं बालिकाएं

कथा वाचक विमल कृष्ण महाराज ने बताया कि भगवान कृष्ण का रुक्मिणी जी के अलावा 16 हजार 108 रानियों के साथ विवाह हुआ। भगवान ने उपेक्षित और बंदी महिलाओं के साथ विवाह कर उनके जीवन को धन्य कर दिया। कथा में भगवान के अवतार और चरित्र का विस्तार से वर्णन कर समस्त क्षेत्रवासियों को भागवत कथा का लाभ दिया।
आचार्य लला पंडित ने बताया कि कल सुदामा चरित्र और भगवान कृष्ण और सुदामा के मित्र धर्म की एवं भागवत कथा का सार की कथा होगी। आज की कथा को श्रवण करने क्षेत्र के तीन हजार से भी अधिक लोग दूर-दूर से पधारे तथा ऑनलाइन यूट्यूब के माध्यम से भी लाखों लोग कथा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कलयुग में मोक्ष, ज्ञान और सांसारिक व मानव जीवन में भागवत का विशेष महत्व है जिसे सुनकर हम धर्म परायण होकर बहुत पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।