– करहिया तिराहे पर पुलिया की जगह बनवा दिया गति अवरोधक, लोगों में नाराजगी
ग्वालियर, 27 मई। सडक निर्माण में की गई अनियमितता पर नगर सरकार के मुखिया की बात का प्रशासन पर कोई असर नहीं हो रहा, पुलिया निर्माण को लेकर ठेकेदार ने उनकी कतई नहीं सुनी। आमजन की बात कौन सुनेगा। यह सवाल नगर के अधिकांश लोगों के मन पैदा हो गया है। वहीं इस सवाल के साथ राजनैतिक लोगों द्वारा निकाय के मुखिया की कार्यशैली को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हैं।
दरअसल इन सब बातों, सवालों और चर्चाओं को जन्म दिया है। करहिया तिराहे पर प्रस्तावित पुलिया ने जिसका निर्माण ठेकेदार ने नगर अध्यक्ष बलदेव अग्रवाल के कहने के 5 माह बाद भी नहीं किया और मनमर्जी से पुलिया की जगह गति अवरोधक बनाकर कार्य बंद कर दिया। उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा करोडों की लागत से भितरवार से करहिया होते हुए चीनोर तक सडक निर्माण कराया गया है। जिसमें ठेकेदार द्वारा नगर के करहिया तिराहे पर प्रस्तावित पुलिया का निर्माण में अनियमितता बरती है। सडक निर्माण कंपनी ने पुलिया की जगह मनमर्जी से छोटे पाईप डलवा दिए। सडक निर्माण के दौरान यह पाइप टूट गए। जिसे छुपाने के लिए ठेकेदार ने जाल बिछबाने का प्रयास किया तो लोगों इसका विरोध किया और नियमानुसार बडी पुलिया निर्माण की बात कही। वहीं ऐसी अनियमितता का जब नगर परिषद अध्यक्ष बलदेव अग्रवाल को पता चला तो वे सीएमओ के साथ मौके पर पहुंचे और जाल बिछाकर टूटे पाईप को छिपाने पर गहरी सडक निर्माण कंपनी के कर्मचारियों से गहरी नाराजगी व्यक्त की।
इस दौरान अध्यक्ष अग्रवाल ने दूरभाष पर ठेकेदार से कहा कि यहां करहिया तिराहे पर पुलिया बनना चाहिए। प्रस्तावित पुलिया की जगह नियम विरुद्ध छोटे पाईप क्यों डलवाएं हैं और उस पर जाल बिछबा रहे हो। हम ऐसी अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगे। जाल बिछाने का काम रुकबाकर यहां पुलिया बनवाई जाए। अध्यक्ष अग्रवाल की ऐसी बात सुन ठेकेदार ने काम बंद कराकर उन्हें पुलिया बनाने का आश्वासन दिया। इसके बाद भी ठेकेदार ने पुलिया नहीं बनवाई और रातों रात जाल बिछबाकर गति अवरोधक का निर्माण कराकर कार्य बंद कर दिया। अध्यक्ष अग्रवाल के कहने के पांच माह बाद भी जब करहिया तिराहे पर पुलिया का निर्माण नहीं हुआ तो लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। लोगों का कहना है कि बारिश का मौसम आने वाला है, पहले यहां बडी पुलिया बनी थी। जिसमे डले बडे पाइपों से वर्षात का पानी आसानी से निकल जाता था। अब पुलिया की जगह डाले गए छोटे पाइप से पानी की निकासी आसानी से नहीं हो पाएगी। वहीं नगर के राजनैतिक लोग बडी पुलिया न बनने पर कई तरह बातें कर रहे हैं। इसको लेकर पांच माह से चर्चाओं का बाजार गर्म हैं।