ग्वालियर, 12 मई। वैशाख पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रीकृष्णायन गौशाला परिसर में बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ उल्लासपूर्वक संपन्न हुआ। लश्कर में तिघरा रोड के नीचे माधव नगर में प्रतिदिन प्रभात फेरी निकालने वाले उदयभान रजक एवं वहां की नारी शक्तियों की मंडली ने इस विशेष दिन पर भजन, कीर्तन और गौगाथा का गायन कर श्रद्धालुओं को भक्ति-रस में सराबोर कर दिया।
गौशाला में आयोजित संत-सत्संग में स्वामी ऋषभ देवानंद महाराज ने भगवान बुद्ध के जीवन, दर्शन और करुणा आधारित जीवनशैली पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गौसेवा और बुद्ध का मार्ग दोनों ही ‘जीव मात्र के कल्याण’ की भावना को साकार करते हैं। गौमाता की सेवा, करुणा और संवेदना का जीवंत प्रतीक है, जो आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक है। इस अवसर पर नगर के श्रद्धालु, युवा स्वयंसेवक, महिला मंडल तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि बडी संख्या में उपस्थित रहे। स्वामी जी के चरणों में प्रणाम करते हुए सभी नारी शक्तियां आनंद से भर गई और उन्होंने सुंदर-सुंदर भजन सुनाए इसके बाद वहां का वातावरण खुशहाली एवं आनंद से भर गया जो गौशाला तीर्थ स्थान की पहचान बन गया है, कार्यक्रम का समापन पारंपरिक गौपूजन और प्रसाद वितरण के साथ हुआ।