महंगाई राहत में वसूली का अधिकार महालेखाकार को नहीं : पेंशनर्स

भिण्ड, 12 मई। उत्तरवर्ती मप्र के पेंशनरों को महंगाई राहत देने के संबंध में किसी प्रकार की वसूली का अधिकार महालेखाकार को नहीं है और ना ही उनके द्वारा इस मद में वसूली की जा रही है। यह बात पेंशनर्स यूनियन के प्रांतीय महामंत्री मोहन सिंह कुशवाह एवं प्रांतीय संगठन सचिव विजय दैपुरिया सहित जिलाध्यक्ष रमेशबाबू शर्मा, सचिव कालीचरण पुरोहित, मोर्चा अध्यक्ष रामदत्त शर्मा, कोषाध्यक्ष गंगासिंह भदौरिया, मीडिया प्रभारी राधाकांत शर्मा आदि ने संयुक्त बयान में दी।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2024 से तीन प्रतिशत एवं जनवरी 2025 से दो प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया गया है। इसके विपरीत प्रदेश के पेंशनरों को एक मार्च 2025 से तीन प्रतिशत महंगाई राहत देने का मंत्री परिषद का निर्णय पेंशनरों के हितों को ध्यान में रख कर लिया जाना अन्याय पूर्ण बताया गया है। राजनीतिक लाभ के लिए मप्र से पृथक कर छत्तीसगढ राज्य बनाकर पेंशनरों के हितों पर लगातार 24 वर्षों से कुठाराघात किया जा रहा है।
मप्र राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49/6 में महंगाई राहत देने के लिए दोनों राज्यों को आपस में सहमति लेने का प्रावधान नहीं है। इसके साथ ही महालेखाकार मप्र एवं छत्तीसगढ भी एकीकृत मप्र के पेंशनरों के दायित्वों की वसूली कर रहा है। अधिनियम में एकीकृत मप्र के अंतर्गत पेंशनरों के दायित्वों का विभाजन कर मप्र राज्य से 74 प्रतिशत एवं छत्तीसगढ राज्य से 26 प्रतिशत पेशनरों के दायित्वों की वसूली का अधिकार दोनों राज्यों के महालेखाकार को दिया गया है।