भितरवार में पुराने थाने का जर्जर भवन धराशाई, मशीन पर गिरा मलवा, बाल-बाल बचा ड्राइवर

अधिकारी बिना एक्सपर्ट के इमारत करा रहे थे जमींदोज, लापरवाही से हुआ हादसा

ग्वालियर, 16 अप्रैल। स्थानीय प्रशासन ने पुराने थाने के जर्जर भवन को धराशाही करा दिया। ढहने की कगार पर खडी वर्षों पुरानी थाने की इमारत को अधिकारियों ने जेसीबी मशीन से जमींदोज कराया। जर्जर भवन को गिराते समय जेसीबी मशीन पर मलवा गिरने से चालक बाल-बाल बचा। अधिकारी बिना एक्सपर्ट के इमारत जमींदोज करा रहे थे। उनकी इस लापरवाही से यह हादसा हुआ।
जानकारी के अनुसार नगर के पुराना बाजार वार्ड क्र.13 में वर्षों पुरानी पुलिस थाने की जर्जर इमारत ढहने की स्थिति में आ गई थी। आस-पास के लोगों द्वारा पुलिस थाने के इस जर्जर भवन से हादसे की आशंका व्यक्त की जा रही थी। भवन के पास स्थित शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का इस जर्जर भवन के पास से आवागमन था। विद्यालय के शिक्षकों में भवन गिरने की आशंका बनी हुई थी। ऐसी स्थिति को देख पिछले वर्षों स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा इस पुरानी इमारत का निरीक्षण भी किया। वहीं नगर परिषद अध्यक्ष बलदेव अग्रवाल ने पिछले दिनों इस भवन को देख सीएमओ को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं ढहने की स्थिति खडे इस जर्जर भवन को देख पिछले दिनों नगर परिषद उपाध्यक्ष मन्नू यादव ने एसडीएम को एक ज्ञापन देकर तत्काल इस भवन को धराशाही कराने की मांग की थी। जिस पर बुधवार को एसडीएम डीएन सिंह और सीएमओ महेश चंद्र जाटव निकाय कर्मियों के साथ पुराने थाना के भवन पर पहुंचे। जहां उन्होंने जेसीबी मशीन से जर्जर इमारत को जमींदोज करने की कार्रवाई शुरू कराई। इस दौरान जर्जर भवन का एक बहुत बडा हिस्सा जेसीबी मशीन पर जा गिरा। इसका मलवा जेसीबी में भर गया। मलबा गिरने से चालक बाल-बाल बचा। बिना विशेषज्ञ की सलाह या देख-रेख के अभाव में हुई कार्रवाई बडी हादसे कारण कारण भी बन सकती थी। बताते हैं। कि किसी भी जर्जर भवन को जमींदोज करने से पूर्व एक्सपर्ट की सलाह ली जाती है। एक्सपर्ट तय करता है। कि किस तरीके से भवन धराशाही करना है।
48 साल पहले कंडम घोषित हो गया था भवन
अधिकारी बताते हैं कि पुराने थाने का यह जर्जर भवन 48 साल पहले कंडम घोषित हो गया था। इतने सालों में निकाय इस जर्जर इमारत को नहीं गिरा पाई थी। सन 1976 में कंडम घोषित हुए जर्जर भवन को धराशाही करने के लिए वर्षों से जनप्रतिनिधियों द्वारा मांग की जा रही थी। पिछले वर्षों तत्कालीन एसडीएम और एसडीओपी और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि इस भवन को गिराने के लिए निरीक्षण भी कर चुके थे। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की। कभी भू ढहने की कगार खडे इस भवन को देख नगर परिषद अध्यक्ष बलदेव अग्रवाल ने स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक कार्रवाई की बात कही। वहीं पिछले दिनों नगर परिषद उपाध्यक्ष मन्नू यादव ने भी इस भवन को धराशाही करने की मांग एसडीएम से की थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए एसडीएम डीएन सिंह ने पुराने थाने के भवन को धराशाही कराने की कार्रवाई की।
खंडहर में तब्दील इस भवन में सांप बिच्छू निकल रहे थे
बताते हैं कि वर्षों पुरानी थाने की यह जर्जर इमारत खंडहर में तब्दील हो गई थी। जिसमें जहरीले सांप बिच्छू आदि जीव जंतु निकलने लगे थे। ऐसी स्थिति में वार्ड 13 और 14 के रहवासी काफी भयभीत थे। बारिश के मौसम में आए दिन इस जर्जर भवन से निकलने वाले सांप बिच्छू के काटने का भय लोगों को बना रहता था।

इनका कहना है:

‘‘कोई बडी इमारत होती तो एक्सपर्ट को बुलाते जेसीबी मशीन पर थोडा मलवा गिरा है। चालक को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई। 1976 में कंडम घोषित पुराने थाने का भवन खंडहर में तब्दील हो गया था। इसके पास से स्कूल के बच्चे निकलते थे। इमारत जमीदोज होने से हादसे का भय खत्म हो गया।’’
डीएन सिंह, एसडीएम भितरवार