भिण्ड, 25 फरवरी। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार जैन के निर्देशन में पोक्सो अधिनियम की धारा 39 के तहत चयनित सपोर्ट पर्सन का उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यशाला में नवनियुक्त बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अनुज कांत उदैनिया, कौशलेश सिंह राजावत, इंद्रजीत शर्मा, सीमा शर्मा, मुदिता शर्मा समस्त समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने कार्यशाला में बताया कि पोक्सो अधिनियम की धारा 39 के तहत प्रत्येक पोक्सो पीडित के केस में पुलिस अनिवार्यत: पीडित बालक अथवा बालिका को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करती है और समिति के समक्ष प्रस्तुत होते ही बाल कल्याण समिति बच्चों के लिए एक सहायक व्यक्ति जिसे सपोर्ट पर्सन की संज्ञा दी गई है, नियुक्त करती है। सपोर्ट पर्सन का यह दायित्व है कि वह पीडित व्यक्ति के संबंध में समस्त गोपनीयता बरकरार रखे, पीडित व्यक्ति के लिए थाने में, संबंधित न्यायालय में जहां पर प्रकरण विचाराधीन है, पीडित व्यक्ति के साथ उपस्थित रहें एवं पीडित व्यक्ति को विभिन्न शासकीय योजना में पात्रता अनुसार संलग्न करें।
उन्होंने बताया कि सपोर्ट पर्सन की जिम्मेदारी है कि बालक तथा बालिका के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई भी निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं होना चाहिए। सपोर्ट पर्सन को प्रत्येक केस में सुनवाई के लिए संबंधित न्यायालय अथवा पुलिस थाने में उपस्थित रहना अनिवार्य है। न्यायालय विभिन्न प्रकरणों में सपोर्ट पर्सन के माध्यम से ही बच्चे से पूछताछ करते हैं साथ ही सपोर्ट पर्सन का यह दायित्व है कि पीडित व्यक्ति का आरोपी के साथ आमना सामना ना हो।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और उपस्थित अन्य सदस्यों द्वारा सभी सपोर्ट पर्सन से अपेक्षा की गई कि वह उनके सौंपे गए दायित्व का निर्वहन करेंगे। वर्तमान में पोक्सो प्रकरण निरंतर बढते जा रहे हैं ऐसे में उनकी जिम्मेदारी और भी बढ जाती है। जिला भिण्ड अंतर्गत पॉक्सो अधिनियम की धारा 39 के तहत कुल 10 सपोर्ट पर्सन का एक एंपैनलमेंट बनाया गया है। जिनमें राहुल राजपूत, डॉ. रविंद्र कुमार शर्मा, शिवा भदौरिया, सुमन देवी, सत्यम सिंह भदौरिया, आशुतोष शर्मा, रजनी शर्मा, परियोजना अधिकारी, रीना राठौर, पर्यवेक्षक को सम्मिलित किया गया है।