ग्वालियर, 13 अगस्त। निम्न आय वर्ग एवं झुग्गी झोपडी में रहने वाले बच्चों को समाज के सहयोग से उनकी शिक्षा को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ जोडने से बच्चों में जिज्ञासा और आगे बढने की प्रेरणा मिलती है। सेवार्थ जनकल्याण समिति द्वारा संचालित सेवार्थ पाठशाला की सभी शाखा के बच्चे लगभग 200 बसों में तिघरा पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र पर पहुंचे।
पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र की एसपी श्रीमती सुमन गुर्जर जो कि समाज सेवा में भी सदैव अग्रणी रहती है, सेवार्थ पाठशाला के बच्चों को प्रशिक्षण केन्द्र का भ्रमण तथा इंस्पेक्टर विनीता गिल के मार्गदर्शन में पदाधिकारी द्वारा सभी बच्चों को स्लाइड, शॉर्ट मूवी तथा अन्य माध्यमों से पुलिस ट्रेनिंग, सलूट, ड्रिल, फायरिंग, सलामी शस्त्र, बैण्ड ध्वनि, गार्ड ऑफ ऑनर जैसे प्रशिक्षण के तरीकों को किस तरह से किया जाता है। बच्चों को बताया कि आपको पुलिस से भयभीत नहीं होना है, क्योंकि हमारा उद्देश्य समाज की सेवा करना तथा अराजक तत्वों से सुरक्षा दिलाना मुख्य उद्देश्य है। विनीता जी ने छात्रों को बेड टच-गुड टच सुरक्षा संबंधी एक्ट तथा साइबर सुरक्षा, व्यक्तिगत सुरक्षा, समाज की सुरक्षा, देश की सुरक्षा जैसे विषयों पर विभिन्न प्रकार से जानकारी दी।
सभी बच्चों को प्रशिक्षण केन्द्र का भ्रमण भी करवाया गया। बच्चों तथा शिक्षकों ने स्टाफ के साथ मिलकर फलदार पौधों का रोपण भी किया, जिससे भविष्य में कभी दोबारा उन्हें वहां आने का मौका मिले तो उन बच्चों को देखकर जो आत्म संतोष एवं खुशी मिलेगी। पाठशाला के शिक्षक तथा बच्चे जहां भी भ्रमण के लिए जाते हैं वहां बतौर याददाश्त कुछ पौधारोपण भी अवश्य करते हैं। बच्चों ने सिम्युलेटर द्वारा फायरिंग करना गाडी को चलाना तथा ट्रैफिक के नियमों को भी बखूबी जाना तथा सभी अधिकारियों से बच्चों ने अपनी जिज्ञासा के प्रश्न पूछे।
पुलिस निरीक्षक तिवारी ने बच्चों को पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली तथा रैंक स्ट्रक्चर वर्दी से पहचान कैसे कर सके यह भी बताया। उन्होंने बताया कि पुलिस सदैव जनता के साथ मित्रवत व्यवहार करती है तथा उनकी जान की सुरक्षा अराजक तत्वों से करती है। पी का अर्थ पुरुषार्थ, ली का अर्थ लिप्स रहित तथा सा का अर्थ समाज की सेवा करना पुलिस विभाग का मुख्य उद्देश्य है। पुलिस विभाग के अधिकारियों का किस तरह से चयन होता है यह भी बहुत अच्छे तरीके से समझाया।
पाठशाला के अध्यक्ष ओमप्रकाश दीक्षित ने बताया कि बच्चों में बहुत जिज्ञासा सबसे ज्यादा होती है, पाठशाला उन बच्चों की जिज्ञासा दूर करने के लिए उन्हें जगह-जगह पर शैक्षिक भ्रमण करवाती है, क्योंकि इनमें बहुत सारे बच्चे हैं जिनकी आर्थिक की स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह अपने खर्चे पर इस तरह की यात्रा कर सकें। ऐतिहासिक स्थल, धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थलों का भ्रमण इसी प्रकार करवाते रहते हैं। शिक्षाप्रद एवं सार्थक विजिट के लिए सभी को बधाई। प्रत्यक्ष एवं परोक्ष में जिन लोगों ने इसमें आहुतियां दी, उनका आभार।
कार्यक्रम का संचालन पूर्व सेना अधिकारी सूबेदार मेजर मनोज पाण्डे ने किया। कार्यक्रम में इंस्पेक्टर महावीर शर्मा, हिमांशु तिवारी, राम शर्मा, त्रिपाठी जी तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने बच्चों के सवालों का बडी सहजता से जवाब दिया। इंस्पेक्टर त्रिपाठी ने कविता पाठ के साथ बच्चों का मनोरंजन भी किया। पाठशाला की तरफ से राकेश श्रीवास्तव, रामस्वदेश राठौर, पूर्व एसडीओ नामदेव, श्रीवास्तव तथा अन्य समाजसेवी, शिक्षक एवं 125 छात्र मौजूद रहे। बच्चों को सोल्पाहार एवं लंच पैकेट भी उपलब्ध करवाए गए।