10 साल की उम्र में सीखा मूर्ति बनाना, पिताजी के गुजरने के बाद कंधों पर आया पूरा भार

-सचिन शर्मा-

मिहोना, 04 अक्टूबर। भिण्ड जिले के मिहोना नगर में वार्ड क्र.सात निवासी ओमप्रकाश प्रजापति पेंटर के नाम से जाने जाते थे। वे उत्तर प्रदेश जिला जालौन के पास के गांव से आए थे। जो अपनी जन्मभूमि छोड़ कर मिहोना नगर में काफी समय से अपनी अद्भुत कलाकारी से मूर्ति बनाने का काम करते थे। सारे नगर व आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र और दूर-दूर के कई शहरों में अपनी कलाकारी से मिट्टी की मूर्ति बना करके लोगों तक पहुंचाते थे। आज वही छवि अपने दोनों लड़कों में छोड़कर के गए हैं। जो उससे भी सुंदर और मोहिली भगवान गणेश जी और माता शेरावाली की मूर्तियां बनाने का काम कर रहे हैं। जो ललिते मूर्ति कलाकार के नाम से दूर-दूर तक फेमस है।

पेंटर देवीशरण प्रजापति ने हमारे संवाददाता को इंटरव्यू में समक्ष अपने नगर का नाम रोशन करने की भावना दिखी और कहा कि हमारे पास दूर-दूर से फोन आ रहे हैं कि हमारे शहर में आओ और अपनी कलाकारी दिखाओ। लेकिन हमें अपने नगर का नाम रोशन करना है। ऐसे कलाकार व्यक्ति की शासन और प्रशासन को मदद करना चाहिए जो 40 दिन में 100 से अधिक आठ फुट से 15 फुट तक की मूर्तियां बना करके तैयार कर देते हैं, जो सारे नगर व ग्रामीणों और दूर-दूर कई शहरों तक पहुंचाते हैं। मूर्ति की छवि देखते ही मन अतिप्रसन्न और मोहित हो जाता है। ऐसा लगता है कि जैसे अभी मूर्ति अपने मुखारविंद से बोलना चाहती है। इतनी मोहिली और सुंदर छवि की मूर्ति ना कुछ पैसों में विक्रय की जाती है, उसी पैसों से अपने सारे परिवार का भरण पोषण कर रहे है।