नाबालिगा से दुष्कर्म एवं हत्या करने वाले दो आरोपियों को आजीवन कारावास

न्यायालय ने आरोपियों पर कुल 22 हजार का जुर्माना भी लगाया

रायसेन, 14 जुलाई। विशेष न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश बरेली डॉ. सुधांशु सक्सेना की अदालत ने अवयस्क बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले आरोपीगण अरविन्द पुत्र प्रेमनारायण लोधी उम्र 35 वर्ष निवासी बाड़ीकलां एवं रामबाबू पुत्र देवीराम लोधी उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम मोकलवाड़ा, थाना बाड़ी को साक्ष्य के आधार पर दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 22 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से संयुक्त रूप से पैरवी एजीपी नरेन्द्र सिंह राजपूत एवं एडीपीओ सुनील कुमार नागा ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती शारदा शाक्य के अनुसार प्रकरण का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है कि फरियादी ने थाना बाड़ी में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि मैं वार्ड क्र.तीन बाडीकलां में रहता हूं तथा बाडीखुर्द में किराने की दुकान चलाता हूं। 20 दिसंबर 2018 को मैं दुकान पर था, लगभग एक बजे मेरी पत्नी ने फोन कर पूछा कि लडक़ी कहां है, मैंने कहा कि बड़े पापा के घर पर होगी। मैं तुरंत घर पहुंचा, मोहल्ले एवं आस-पास पड़ोसियों से लडक़ी के बारे में पूछा, कोई जानकारी नहीं मिली तब मैं एवं घर वालों ने लडक़ी को आस-पास मोहल्ले में, रिस्तेदारी में तलाश किया, कहीं नहीं मिली। उक्त रिपोर्ट पर थाना बाड़ी पुलिस ने अपराध क्र.399/2018 धारा 363 भादंवि कायम कर विवेचना में लिया। 21 दिसंबर 2018 को गुमशुदा लडक़ी मृत अवस्था में घर के पास बाड़े में पाए जाने से मर्ग पंजीबद्ध किया गया। मृतिका के कपड़ों एवं अन्य प्रदर्शों पर मानव शुक्राणु होने संबंधी एफएसएल रिपोर्ट प्राप्त होने पर संदेहियों का डीएनए परीक्षण कराया गया, डीएनए रिपोर्ट से मृतिका के कपड़ों पर संदेही अरविन्द लोधी एवं रामबाबू लोधी का डीएनए होने की पुष्टि हुई। इस आधार पर अनुसंधान के दौरान आरोपीगण के विरुद्ध धारा 302, 201 भादंवि एवं 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध पाए जाने पर कार्रवाई पूर्ण की गई, अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के शीघ्र निराकरण हेतु शासन द्वारा चिन्हित कर जघन्य एवं सनसनीखेज घोषित किया गया। अभियोजन की ओर से 16 साक्षियों की साक्ष्य न्यायालय के समक्ष कराई गई। न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट प्रमाणित पाए जाने पर आरोपीगण को दोषसिद्ध किया गया। विशेष न्यायाधीश ने प्रकरण में आई साक्ष्य के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए आरोपीगण अरविन्द लोधी एवं रामबाबू लोधी को धारा 363, 201 भादंवि में पांच वर्ष कठोर सश्रम करावास व एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(क)(ख), 376(घ)(ख), 302 भादंवि में आजीवान सश्रम करावास व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 6 लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवान सश्रम करावास व पांच-पांच हजार रुपए इस प्रकार कुल 22 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।