सागर, 13 अप्रैल। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने नाबालिगा को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी कमलेश उर्फ कमलापत यादव को दोषी करार देते हुए धारा 376(3) भादंवि के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 376(2)(एन) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) अजा व जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 3(2)(व्ही) अजा व जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर चार लाख रुपए दिए जाने का आदेश दिया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता बालिका ने थाना मोतीनगर में रिपोर्ट लेख कराई कि जब वह घर पर अकेली थी तो अभियुक्त कमलेश यादव जो पहले भी उसके घर आता जाता रहता था और उससे बातचीत करता था, उसके घर आया और उससे कहने लगा कि वह उसे अच्छी लगती है। उससे शादी करना चाहता है और बालिका के घर की कुण्डी लगाकर उसे शादी के झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाकर चला गया। इसी दौरान अभियुक्त ने उसके घर आकर कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बालिका अभियुक्त की बातों में आ गई, इस कारण उसने उसके घर वालों को घटना के बारे में नहीं बताया था। सात अप्रैल 2018 को अभियुक्त कमलेश यादव बालिका को उसके गांव ले गया, जहां उसने खेत में बनी टपरिया में बालिका को रखा, फिर वह बालिका को उसके घर छोड़ गया। इसी दौरान बालिका के गर्भवती हो जाने पर उसने अपनी मां को घटना बताई। बालिका के पिता न होने से उसकी मां मजबूरीवश अभियुक्त से उसकी शादी करने को तैयार हो गई। इसी दौरान अभियुक्त कमलेश उसके घर आता जाता रहा। फिर दो मार्च 2019 को बालिका ने बच्चे को जन्म दिया, उस समय भी अभियुक्त उससे मिलने आया। बालिका ने अभियुक्त से पुन: शादी के लिए कहा तो अभियुक्त ने शादी के लिए आश्वासन दिया, लेकिन विवाह नहीं किया बल्कि अभियुक्त हर महीने उसके घर आता था। 13 जून 2019 को भी अभियुक्त कमलेश यादव ने बालिका के घर जाकर जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। बालिका ने जब अभियुक्त से शादी के लिए कहा तो अभियुक्त ने शादी करने से इंकार कर दिया और शादी की बात कहने पर बालिका एवं उसके पुत्र को जान से खत्म करने की धमकी दी। जिससे वह डर गई और उसने अपनी मां को इस घटना के बारे में बताया तो उसके बाद वह मां के साथ पुलिस थाना रिपोर्ट करने गई। अभियुक्त कमलेश यादव ने दो वर्षों तक बालिका के साथ शादी का झांसा देकर लगातार दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मोतीनगर पुलिस ने धारा 376, 376(2)(एन) भादंवि, धारा 3/4, 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, धारा 3(1)(डब्ल्यू)(2), 3(2)(व्ही) अजा व जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।