नाबालिगा से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का कारावास

सागर, 28 जनवरी। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला के अदालत ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी अबरार खान निवासी अंतर्गत थाना नरयावली को दोषी करार देते हुए धारा 354 भादंवि के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई) एवं धारा-3(2)(व्ही-ए) एससी/एसटी एक्ट 1989 के तहत तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता/ फरियादिया ने रिपोर्ट लेख कराई कि 11 सितंबर 2019 को सुबह 11 बजे वह अपने घर से स्कूल अकेली जा रही थी, तभी रास्ते में अभियुक्त अबरार मुसलमान मिला और बोला कि वह उससे शादी कर ले, अगर उसने कहीं और शादी की तो वह उसे बदनाम कर देगा। बालिका के मना किया तो अभियुक्त ने बुरी नियत से बालिका का हाथ पकड़ लिया और गालियां देते हुए छेड़छाड़ करने लगा और बोला कि शादी नहीं की तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा। बालिका के चिल्लाने पर अभियुक्त वहां से भाग गया। इससे पहले भी अभियुक्त कई बार स्कूल जाते समय कमेंट करता रहता था। स्कूल से घर आने पर घटना के बारे में अपनी मां एवं बड़े भाई को बताया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना नरयावली पुलिस ने धारा 354, 294, 506 भादंवि एवं 7/8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं धारा 3(1)(डब्ल्यू)(आई), 3(2)(व्हीए) एससी/एसटी एक्ट 1989 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।