कफन को बांधकर निकले जुनूनी था सफर यारों, वतन के उन शहीदों को झुका है अपना सर यारों : निडर

स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है संगठन : चौरसिया
स्वतंत्रता सैनानी उद्यान ग्राम बिलौआ में हर्षोल्लास से मना गणतंत्र दिवस

ग्वालियर, 28 जनवरी। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन मप्र के ग्वालियर जिलाध्यक्ष राकेश चौरसिया के अनुकरणीय प्रयास से पिता स्वतंत्रता सेनानी श्री जगन्नाथ प्रसाद चौरसिया की स्मृति में गृह ग्राम बिलौआ (नगर परिषद) में बनाए गए स्वतंत्रता सेनानी उद्यान में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजा रोहण एवं सेनानी परिजनों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय प्रवक्ता/ प्रदेश सचिव अशोक सोनी निडर के अलावा संगठन के संभागीय अध्यक्ष अरविंद वाजपेयी, मुरैना जिलाध्यक्ष गिर्राज दंडौतिया, मीनू शर्मा ग्वालियर, राम दण्डौतिया, आशुतोष शर्मा आशु, गिर्राज शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे।
सर्वप्रथम अतिथियों ने मां सरस्वती एवं स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों पर माल्यार्पण का दीप प्रज्वलन किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि अशोक सोनी ने तिरंगा ध्वज फहराया और उपस्थित सभी गणमान्य नागरिकों ने राष्ट्रगान का उच्चारण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक जिलाध्यक्ष राकेश चौरसिया ने कार्यक्रम में मौजूद स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का सम्मान भी किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन अरविंद वाजपेयी ने किया।

मुख्य अतिथि अशोक सोनी निडर ने देश के अमर सपूतों शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए श्रृद्धासुमन समर्पित करते हुए अपने उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से समा बांधा, देखें बानगी- ‘कफन को बांधकर निकले जुनूनी था सफर यारों, वतन के उन शहीदों को झुका है अपना सर यारों। लगाकर जान की बाजी वतन की आवरु रख ली, जिए आजाद होकर के हुए मरकर अमर यारों।।’
संगठन के ग्वालियर जिलाध्यक्ष राकेश चौरसिया ने कहा कि हमारा संगठन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के अधिकारों की लड़ाई लड़ता है। हमारे संगठन के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि देश के कई प्रांतों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को मिलने वाली सुविधाओं में से कुछ सुविधाएं अब उनके परिजनों को मिलने लगी हैं। मप्र में भी ये सुविधाएं मिलें, इसके लिए संगठन पूर्ण रूप से प्रयासरत है।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे संभागीय अध्यक्ष अरविंद वाजपेई ने अपने उद्बोधन कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, यह संविधान हमें हमारे मौलिक अधिकार दिलाता है, साथ ही हमारे मौलिक कर्तव्यों से भी अवगत कराता है। उन्होंने इस अवसर पर राजनीति पर करारा प्रहार किया। इसके अलावा पुलिस एएसआई सोनीलाल माथुर, गुलाब सिंह जाटव हरिओम चौरसिया ने भी युवाओं की बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम में गिर्राज दंडौतिया सहित कई सेनानी परिजन एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए एवं दो बालिकाओं ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। तत्पश्चात सभी ने दाल बाटी, चूरमा के लड्डुओं के साथ सहभोज का आनंद लिया।

शहीदों की स्मृतियों से लवरेज है स्वतंत्रता सेनानी उद्यान

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री जगन्नाथ प्रसाद चौरसिया की स्मृति में ग्राम बिलौआ में बनाया गया उद्यान आजादी के समय की याद को ताजा कराता है। इस उद्यान में हर पौधे के साथ किसी ना किसी शहीद के नाम की तख्तियां अंकित की गई हैं। कार्यक्रम के दौरान आयोजक राकेश चौरसिया ने स्वतंत्रता संग्राम की यादें ताजा करने के लिए आजादी की लड़ाई के दौरान उन पान की टोकरियों की भी विशेष प्रदर्शनी लगाई, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हथियारों को छिपाकर स्वतंत्रता सेनानियों तक पहुंचाया जाता था।