मारपीट के मामले में एक ही परिवार के चार लोगों को एक-एक वर्ष का कारावास

सागर, 30 दिसम्बर। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बण्डा, जिला सागर श्रीमती ज्योत्सना तोमर की अदालत ने कुल्हाड़ी व लाठियों से मारपीट करने वाले आरोपीगण दशरथ पुत्र कन्छेदी अहिरवार, राजेन्द्र एवं रामप्रसाद पुत्रगण दशरथ अहिरवार एवं नन्नीबाई पत्नी दशरथ अहिरवार निवासी थाना अंतर्गत बण्डा को दोषी करार देते हुए धारा 323/34 भादंसंं के तहत तीन माह सश्रम कारावास एवं 100 रुपए अर्थदण्ड, धारा 324/34 में छह माह सश्रम कारावास एवं 200 रुपए अर्थदण्ड, धारा 325/34 में एक वर्ष सश्रम कारावास 200 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ताहिर खान ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि आठ जून 2017 को फरियादी संतोष अहिरवार ने थाना बंडा में आरोपीगण के विरुद्ध रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि वह ग्राम बमनोरा का रहने वाला है, खेती मजदूरी का कार्य करता है। वह अपने खेत के कुआ को साफ करवा रहा था, जिसका मलवा मेड़ पर डाला था तथा कुछ मलवा भाई दशरथ के खेत में चला गया था, जिस पर से भाई दशरथ एवं उसके दोनों लड़के राजेन्द्र, रामप्रसाद एवं पत्नी नन्नीबाई घटना दिनांक की रात्रि करीब नौ बजे उसके घर के सामने आकर गालियां देकर बोले कि अपना मलवा अभी उठाओ और जब उसने उन्हें गालियां देने से रोका तो राजेन्द्र ने उसे कुल्हाड़ी मारी जो उसके सिर में पीछे तरफ लगी जिससे चोट लगकर उसे खून निकल आया एवं रामप्रसाद नेे लाठियों से मारपीट की जिससे फरियादी को दोनो कंधों एवं बांए हाथ की कुहनी में मुंदी चोट आई। जब बीच बचाव करने उसकी पत्नी गुलाबरानी एवं लड़का गजेन्द्र आए तो दशरथ ने उसकी पत्नह गुलाबरानी को लाठी का टूंसा मारा जो उसे मुंह में लगा, जिससे चोट आकर खून निकल आया एवं दशरथ की पत्नी नन्नीबाई ने गुलाबरानी को लाठी मारी जो उसे कमर में दांए तरफ लगी, दूसरी लाठी दांए हाथ के कोंचा में मारी, जिससे मुंदी चोट आई तथा एक लाठी रामप्रसाद ने पत्नी के बांए हाथ की कलाई में मारी, जिससे चूड़ी टूट कर खून निकल आया। राजेन्द्र ने उसके लड़के गजेन्द्र को सिर में कुल्हाड़ी मारी जिससे चोट आकर खून निकल आया, दशरथ ने लड़के गजेन्द्र को लाठी मारी जो दांए हाथ की कलाई में लगी और मुंदी चोट आई। घटना दिनेश अहिरवार, नत्थू धानक, गणेश अहिरवार ने देखी एवं उन्हें रोका तब वे जान से मारने की धमकी देकर भाग गए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना बण्डा में धारा 294, 323, 324, 325, 34 506 भादंसं का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। जहां विचारण उपरांत न्यायालय न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी बण्डा, जिला सागर, श्रीमती ज्योत्सना तोमर की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।