भारतीय सेना के शौर्य ने ड्रैगन को खदेड़ा, सदमें में है चीन : मुदगल

तवांग में गलवांन जैसा जबाब देकर भारतीय सेना ने चीन का घमण्ड कर दिया खण्ड-खण्ड

भिण्ड, 12 दिसम्बर। तवांग में चीनी सैनिकों से विगत दिवस हुई झड़प को लेकर भारतीय सेना के शौर्य की प्रशंसा की गई है। भारत तिब्बत सहयोग मंच युवा विभाग के राष्ट्रीय महामंत्री अर्पित महेश मुदगल ने भी एक टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने जिस तरह से चीन की घुसपैठ को नाकाम करते हुए एलएसी पर रोड़ा कर रहे चीनी ड्रैगन को बुरी तरह से खदेड़ा है, इससे चीन बौखला रहा है। अब चीन को करारा जबाब देने का समय आ गया क्यों कि चीन बार बार 1962 की तरह छल से विस्तारवादी नीति को बढ़ाने का दुस्साहस कर रहा है। लेकिन शायद चीन यह भूल रहा है कि चीन की सीमा चीन की दीवार है, वैसे भी अब यह 1962 का नहीं बल्कि 2022 का भारत है, जो विश्व में शांति का पैगाम देना जानता है तो किसी भी वैश्विक महाशक्ति से निपटने की क्षमता भी रखता है। चीन की सरकार और उसकी सेना को यह भलीभांति अहसास डोकलाम और गलवांन में हो चुका है, अब फिर तवांग में जो बखेड़ा उसने खड़ा करने का प्रयास किया, उसका माकूल जबाब भारतीय सेना से उसे मिल गया है।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में जिस प्रकार के राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत राष्ट्रवादी कार्यक्रम होने लगे हैं, तबसे चीन की सिटीपीटी गुम हो गई है, उसे मालूम है अब भारतीय जनमानस तिब्बत की आजादी, कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए बेचैन है, अब चीन पहले की तरह भरतीय सीमा में घुसपैठ भी नहीं कर सकता है, क्योंकि आज भारत की सेना हर मोर्चे पर मुस्तेदी से डटे हैं।