भिण्ड, 28 अप्रैल। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड जिले के प्रत्येक व्यक्ति को न्याय सुलभ कराए जाने हेतु प्रतिबद्ध है। जिसके उदाहरण जिले में आए दिन देखने को मिलते हैं, चाहे वह स्कूल या अभिभावकों के मध्य फीस संबंधी विवाद हो, विधवा पेंशन या ऐसा ही कोई अन्य मामला हो। ऐसे ही एक मामले में श्रीमती पूनम वर्मा द्वारा आलोक गौर से अंतरजातीय विवाह किया। शासन की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत उपरोक्त विवाहित युगल प्रोत्साहन राशि दो लाख रुपए प्राप्त करने का अधिकारी था किन्तु विभागीय प्रक्रियाओं के चलते उक्त राशि उपरोक्त दंपत्ति को काफी प्रयास करने पर भी नहीं मिल रही थी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वॉलेंटियर उपेन्द्र व्यास द्वारा उपरोक्त समस्या को प्राधिकरण तक पहुंचाया, इसके उपरांत राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति शील नागू एवं मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आनंद पाठक द्वारा रिट याचिका क्र.1930/2020 (पीआईएल) ओमनारायण विरुद्ध मप्र राज्य में दिए गए दिशा निर्देशों के पालन में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की गरीबी उन्मूलन योजना 2015 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए संवंधित विभाग से स्पष्टीकरण मांगे जाने पर विभाग द्वारा पक्षकारों से संवंधित पर्तियां कराने के उपरांत शासन योजनांतर्गत श्रीमती पूनम एवं आलोक गौर के विवाह प्रोत्साहन राशि दो लाख रुपए स्वीकृत की गई।