जिला कार्यक्रम अधिकारी गफ्फार पर लोकायुक्त में प्रकरण के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं : डॉ. भारद्वाज

भ्रष्ट अधिकारियों को खुली छूट, कलेक्टर की भूमिका संदिग्ध

भिण्ड, 23 मार्च। भिण्ड महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अब्दुल गफ्फार खान द्वारा कोरोना काल में आंगनबाड़ी केन्द्र पर बच्चों को रेडी टू ईट (भुना हुआ सत्तू) में करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है। जिसकी शिकायत कलेक्टर, लोकायुक्त, संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास मुरैना को लिखित रूप से की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद उनपर कोई कार्रवाई न होना ये प्रमाणित करता है कि सरकार का उनको खुला संरक्षण है। ये आरोप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रवक्ता डॉ. अनिल भारद्वाज ने लगाए हैं।
डॉ. भारद्वाज ने कहा कि जिला कलेक्टर के नीचे सरेआम उनके अधीनस्थ अधिकारी घोटाले करने में मशगूल हैं, लेकिन कलेक्टर साहब हैं जो ऐसी का आनंद लेने में व्यस्त हैं, जो अपने ऑफिस की भी जानकारी लेने तक का समय नहीं है। कांग्रेस नेता ने मीडिया को बताया कि मैंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ को शिकायती पत्र भी भेजा है और उनसे इस विषय पर सरकार से प्रश्न करने की मांग की है।
डॉ. भारद्वज ने कहा कि गफ्फार खान के मामले में कार्रवाई न होने पर संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। ये गंभीर स्थिति है, जिस विभाग की जिम्मेदारी प्रदेश का मुखिया शिवराज सिंह स्वयं संभाल रहे हों और उस विभाग में इतना बड़ा घोटाला उनकी ईमानदारी की कहानी स्वयं बखान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सीएम हेल्प लाइन की शिकायत भी तमाशा बनी बैठी है जो 11 महीने पूर्व की गई शिकायत का अब तक निराकरण नहीं हुआ है। कांग्रेस नेता डॉ. भारद्वाज ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर तंज कसते हुए है कहा कि वो प्रदेश के भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाकर नया मंत्रालय बना दें, कार्रवाई शायद आपके वश में नहीं है।