शाजापुर, 21 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर के न्यायालय ने नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी छोटू पुत्र भंवरलाल उम्र 24 वर्ष निवासी सेकनपुर, तहसील ब्यावरा, जिला राजगढ़ को धारा 363 भादंवि में दो वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 366 भादंवि में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व तीन हजार रुपए अर्थदण्ड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5/6 के अपराध में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। जुर्माना जमा नहीं करने पर पृथक से अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताए जाने का आदेश भी दिया गया है।
अभियोजन जिला मीडिया प्रभारी सचिन रायकवार ने हवाले से विशेष लोक अभियोजक/ एडीपीओ प्रतीक श्रीवास्तव ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि 25 जनवरी 2018 को पीडि़ता के पिता ने पुलिस थाने में जाकर अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध रिपोर्ट उसकी नाबालिग पुत्री को बहला फुसला कर ले जाने के संबंध में लिखाई थी। विवेचना के दौरान अवयस्क पीडि़ता को आरोपी छोटू के कब्जे से दस्तयाब किया गया। पीडि़ता ने कथन में बताया कि 24 जनवरी 2018 को आरोपी छोटू उसे मोटर साइकिल पर बहला-फुसलाकर शादी करने का लालच देकर अपने साथ ले गया और उसके साथ 24 जनवरी से दो फरवरी 2018 तक कई बार दुष्कर्म किया। आरोपी ने पीडि़ता को डराया धमकाया और उसे अपने घर पर रखा था। अनुसंधान पश्चात पुलिस ने न्यायालय में आरोपी छोटू पुत्र भंवरलाल के विरुद्ध चालान पेश किया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी एवं अंतिम बहस विशेष लोक अभियोजक प्रतीक श्रीवास्ताव जिला शाजापुर ने की। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों एवं अभिलेख पर आई साक्ष्य से सहमत होते हुए आरोपी छोटू को दोषी पाते हुए दण्डित किया है।