पंचायत चुनाव को निरस्त करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण
भिण्ड, 27 दिसम्बर। मप्र के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निरस्त करने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने से वंचित करने के साथ प्रदेश की करीब 79 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है। जनता जनार्दन के साथ छलावा करने का काम भाजपा की सरकार ने किया है। उक्त विचार भिण्ड युवा कांग्रेस जिला संयोजक दीपू दुबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि पंचायत राज चुनाव की आचार संहिता पिछले 22 दिन से लगी हुई है। हर वर्ग एवं समुदाय के लोग गांवों में निवास करते हैं। सभी वर्गों के सदस्यों के द्वारा पंचायत चुनाव की नामांकन की प्रक्रिया में हिस्सेदारी की गई थी। प्रदेश की भाजपा सरकार ने जिस तरह से असंवैधानिक एवं त्रिस्तरीय पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध 27 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लागू न करने के साथ चुनाव संपन्न कराने का निर्णय लिया था, वह पूरी तरह से लोकतंत्र के विरुद्ध एवं असंवैधानिक था ।
दुबे ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार जिस तरह से समाज के हर वर्ग के साथ छलावा करने का काम कर रही है, वह ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएगा। जनता जान चुकी है भाजपा का दोहरा चरित्र। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत राज अधिनियम एवं संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए कमलनाथ सरकार के समय पंचायत चुनाव का परिसीमन एवं रोटेशन में आरक्षण की प्रक्रिया को पूर्ण किया गया था। मौजूदा प्रदेश की सरकार उसे लागू करती तो वह बेहतर होता और आज यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति नहीं बनती। दुबे ने कड़े शब्दों में कहा कि भाजपा का असली चेहरा, चाल एवं चरित्र जनता के सामने आ गया है। जिस तरह उन्होंने लोकतंत्र का संवैधानिक प्रक्रियाओं का मजाक उड़ाकर पंचायत चुनाव को अपने मनमर्जी से कराना चाहते थे, उसका सच अब जनता जान चुकी है भाजपा के नेता उल्टा कांग्रेस पर आरोप लगाते हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने के लिए संविधान में व्यापक संशोधन कर शासन का विकेन्द्रीकरण करते हुए ग्रामीण जनता का सम्मान करते हुए उसे अधिकार संपन्न बनाने के लिए 73 वा एवं 74वां संशोधन विधेयक लाकर ग्रामीण समुदाय को सशक्त बनाने ऐतिहासिक महत्वपूर्ण कार्य किया था। मप्र में तत्कालीन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले देश में मप्र में पंचायत राज व्यवस्था को लागू कर विकसित किया। किंतु दुर्भाग्य है कि आज उस बनी हुई व्यवस्था को तार तार करने का काम शिवराज सिंह सरकार ने किया है। भाजपा नहीं चाहती है कि गांव के लोगों को अधिकार मिले।